Saturday, 21 September 2013

आपी की चूत

मेरा नाम आरिफ है, बीस वर्ष का हूँ, मेरे लिंग की लम्बाई 9 इन्च है और मोटा है।

मेरे घर में अम्मी, अब्बू और नसरीन आपी हैं। आपी की शादी हो चुकी थी और वो यहाँ इम्तिहान देने आई हुई थी।

उसी दौरान एक दिन जब अम्मी-अब्बू निकाह में गए थे, तो आपी नहाने गई थी। जब वो नहाकर आने लगी तब अचानक फिसल गई और उनकी कमर में चोट आ गई। आपी सिर्फ तौलिया लपेटे हुई बाहर निकल आई थी। जब वो गिर गई तब मुझे आवाज दी, तब मैं उनके पास गया तो देख कर दंग रह गया। आपी का तौलिया खुल गया था और उनके चुच्चे नज़र आ रहे थे।

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मैं उनके उभारों को देखता रह गया।

आपी ने कहा- क्या देख रहा है?

फिर उन्होंने तौलिये से अपनी छाती को ढका और बोली- मैं फ़िसल गई हूँ और तू मुझे घूर रहा है? चल मुझे उठा !

मैंने आपी को बोला- पहले अपने बदन को तो ढक लो !

तब उन्होंने कहा- मुझे उठा तो पहले !

मैंने आपी को बोला- अपने सीने पर हाथ रख लो ताकि तौलिया दुबारा न गिरे !

मैंने उनकी कमर में हाथ डाल कर उन्हें उठाया तब मेरा लण्ड उनकी गांड में सैट गया।

फिर उन्होंने कहा- तू बाहर जा, मैं कपड़े पहन लूँ !

मैं बाहर चला गया।

आपी ने कपड़े पहन लिए तो फिर आपी पास जाकर मैंने पूछा- कैसे गिर गई थी?

वो कहने लगी- कमर में बहुत दर्द हो रहा है !

मैंने कहा- आप झंडू बाम लगा लो !

उन्होंने कहा- मैं खुद नहीं लगा सकती, तू ही लगा दे !

आपी ने सलवार-सूट पहन रखा था, मैंने आपी से कहा- आप अपनी सलवार खोलो, तब ही तो मैं बाम लगाऊँगा।

आपी ने कहा- ठीक है, पहले एक चादर लाकर दे !

तब मैंने एक चादर आपी को दी तो आपी ने कहा- तू उधर देख, मुझे शरम आ रही है।

मैं घूम गया, आपी ने अपनी सलवार खोल कर नीचे कर ली और ऊपर से चादर डाल कर बोली- चल अब लगा दे !

मैं बोला- आपी, कैसे लगाऊँ? तुमने तो चादर डाल रखी है।

तब आपी ने कहा- मैंने सलवार नीचे कर ली है और पैंटी नहीं पहनी है।

तब मैंने थोड़ा सा बाम निकला और चादर के अन्दर हाथ डाला तो सीधे उनके चूतड़ों पर हाथ गया।

आपी ने कहा- क्या कर रहा है?

मैंने धीरे से बोला- गलत से लग गया !

फिर मैं कमर पर मालिश करने लगा, फिर धीरे धीरे उनके कूल्हों पर मालिश करने लगा। आपी ने कुछ नहीं कहा, मैं मालिश करते करते चूतड़ों की दरार में उंगली डालने लगा।

इस तरह करते करते मैंने चादर उठा कर देखा तो उसकी गांड गजब चमक रही थी।

मेरा लंड खड़ा हो चुका था, मैंने अपनी ज़िप खोल कर आपी के ऊपर जब लंड सटाया तब उन्होंने कहा- यह गलत है ! तू अपनी चेन बंद कर, तब तुझे एक बात बताती हूँ।

मैंने अपनी ज़िप बंद कर ली, तब आपी ने कहा- तू उपर से मजे ले ले !

तब मैं अपनी पैंट उतार कर अंडरवीयर में हो गया और टीशर्ट भी उतार दिया, आपी को बोला- चलो, अब मेरे ऊपर बैठ जाओ।

आपी बोली- ठीक है !

आपी मेरे ऊपर बैठ गई तो थोड़ा सा लण्ड उनकी चूत में घुस गया और मैं उसी तरह धक्के मारने लगा और उसके बूब्स को चूसने लगा।

कुछ देर बाद मैंने आपी को बोला- तुम लेट जाओ !

और मैं उनकी चिकनी चूत को चाटने लगा। फिर उनकी चूत पर अपना लंड अंडरवीयर पहने ही रख दिया, अंदर घुसाने की कोशिश करने लगा।

आपी पूरी तरह गर्म हो गई थी, उन्होंने बोला- मुझे भी वो डण्डा तो दिखा !

तब मैंने अपना लंड निकाल कर उनके हाथ में दे दिया और आपी उसे चूसने लगी।

अब हम 69 की हालत में थे। फिर मैंने आपी को बोला- आपी, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है, मैं तुम्हारी चूत नहीं मारूँगा, सिर्फ एक बार अपनी गांड मरवा लो !

आप बोली- चल ठीक है। बस मेरी गांड मारना और मेरी चूत की तरफ ध्यान भी मत करना, वरना अब्बू से कह दूँगी।

तब मैंने कहा- ठीक है, सिर्फ गांड मारूंगा !

आपी घोड़ी बन गई, मैं लंड उनकी गांड में न डाल कर चूत में घुसाने लगा, तब आपी बोली- यह मेरी चूत है, गांड थोड़ा ऊपर है।

फिर मैंने गांड में लंड एक बार में ही घुसा दिया तो आपी जोर जोर से चिल्लाने लगी, बोली- कुत्ता ! बहनचोद, रंडी समझ लिया है क्या ?? आपा हूँ तेरी ! रंडी नहीं कि तूने एक बार में ही लंड घुसा दिया।

मैं आपी से बोला- नसरीन डार्लिंग, नौशे भाई से मरवाती हो तो कुछ नहीं? मैं मारूँ तो बहनचोद?

और धक्के लगाने लगा।

आपी आह उहं उहं उहं उहं उहं की आवाज निकालने लगी।

आपी बोली- देख, मैंने अभी तक तेरे नौशे भाई से गांड नहीं मरवाई थी, तूने सबसे पहले ही मेरी गांड मारी है।

तब मैंने कहा- अगर नौशे भाई को पता चल गया कि मैंने आपकी गांड मारी है तब तुम क्या कहोगी?

तब आपी ने कहा- गांड मारने पे ये पता नहीं चलता है कि गाण्ड किसी ने पहले मारी हुई है ! अगर मेरी शादी होने से पहले अगर तूने मेरी चूत को चोदा होता तब पता चल जाता ! अब तू मेरी चूत भी चोदेगा तो पता नहीं चलेगा, क्यूंकि मेरे मियाँ ने मेरी सील तोड़ दी है।

मैं गांड मार ही रहा था कि अचानक मैं बोला- जब पता ही नहीं चलेगा, तब चूत भी मरवा लो !

आपी बोली- चल ठीक है, मार ले !

मैंने उनकी चूत में अपना लौड़ा घुसा दिया और चोदने लगा। फिर धीरे धीरे मैंने अपना माल अंदर ही गिरा दिया और आपी भी झड़ गई।

Thursday, 19 September 2013

नौ रातो की बेवफाई

गुजरात में नवरात्री के कुछ माह बाद गर्भपात की संख्या में वृद्धि होती है !” गुजरात राज्य के बाल एवं महिला विकास मंत्री द्वारा दिए गए इस बयांन ने पुरे देश में बवाल खड़ा कर दिया! क्योंकी यह बयान गुजरात राज्य के मंत्री द्वारा दिया गया था इसलिए इसे प्रसारमध्यमो ने कुछ ज्यादा ही प्रसिद्धी दे दी! पूरा गुजरात नवरात्रि के तय्यारी में जुट गया था! गुजरात ही क्यों पूरा देश नवरात्री के स्वागत के लिए तैयार हो रहा था! सारे देश में नवरात्री अलग अलग ढंग से मनाई जाती है! पच्छिम बंगाल में देवी दुर्गा पूजा का आयोजन होता है! 

तामिलनाडू के घर घर में कोलू दिखाया जाता है! आंध्र, कर्नाटक और केरला में नवरात्री के नौ दिन और रात में अलग अलग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है! लेकिन गुजरात की बात ही कुछ और है! सारी गुजराती लडकिया और औरते नवरात्री में सारी रात गरबा एवं डांडिया खेलती है!

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हर एक लड़की या औरत डांडिया नाच के दौरान कहा जाती है, क्या करती है इस पर ध्यान रखना संभव नहीं होता! नवरात्री के कुछ माह बाद गुजराती नवयुवतियों के कतार निजी गर्भपात केन्द्रों के बाहर लग जाती है! कुछ पति और माँ बाप अपनी औरत या लड़की डांडिया नाच के दौरान कहा गायब हो जाती है इसपर ध्यान रखने के लिए निजी जासूसों का सहारा लेते है! अधिकतम महिलाये डांडिया नाच के दौरान गायब हो जाती है और जीवन का आनंद पा लेती है! यह औरते अपने मित्र, मालिक, सहकर्मी, नौकर या फिर अनजान व्यक्ति से भी अपने शरीर की भूक मिटती है!लड़किया और महिलाओ की तो आपस में यह स्पर्धा लगी रहती है की कौन ज्यादा से ज्यादा मर्दों से साथ रात बिताती है!

मुझे एक बार दिल्ली जाना था और में रात में मुंबई के एक होटल में ठहरा था! में भूल गया की वह नवरात्री का मौसम है और मेरे भाग्य में कुछ और ही लिखा था! मुझे सुबह की उड़ान पकड़नी थी इसलिए थोड़ी नींद मिलने के लिए में जल्दी सो गया! रात दस बजे मेरी नींद ढोल के आवाज ने तोड़ दी! में अपने बिस्तर में बैठकर सोचने लगा की क्या हुआ? में बाहर आया तो देखा नाच गाने की तय्यारिया हो रही थी! लोग समूह बना रहे थे!ढोलवाले जोर जोर से ढोल बजाकर लोगो का ध्यान आकर्षित करके उनको बुला रहे थे! फिर नाच गाना शुरू हो गया! वहा बहुत अदभुत नजारा था!मैंने सोचा ऐसे नज़ारे बार बार देखने को नहीं मिलते, इसलिए थोडा नाच गाना देख लू!

खुबसूरत, प्यारी सूरत वाली लडकिया और भाभियाँ हात में डंडिया लेकर संगीत के ताल पर नाच रही थी! मैंने उन्हे हात हिलाकर हैलो किया और हवा में इशारा करके फ़्लाइंग किस दिया! दो तीन लड़कियोने मेरे इशारो को हसकर प्रतिसाद दिया! पूरा गाना खत्म होने में एक घंटा लगा! फिर नया समूह बनाना सुरु हो गया!

अचानक एक लड़की जिसने मेरे इशारे को प्रतिसाद दिया था मेरे पास आयी और मुझसे गुजराती में कुछ बोलने लगी! में समझ नहीं पाया वो क्या बोल रही है इसलिए मैंने हिंदी में उसे पुछा तुजे क्या चाहिए? उसने मुझे पुछा क्या आप इस होटल में ठहरे हुए है? मैंने कहा हाँ? उसने पुछा क्या में आपके रूम में पानी पिने आ सकती हूँ? में बोला हां हां क्यों नहीं! में मेरी रूम की तरफ जो की पहले माले पर था दौड़ते हुए निकल पड़ा! वह लड़की मेरे पीछे पीछे दौड़ती हुई आ गई! मैंने दरवाजा खोला और जग में से पानी निकालकर ग्लास में भरकर उसे देने निकला! पर वो वहाँ नहीं थी वो मेरे बिस्तर में लेट गयी थी! वो बोली में बहूत थक गयी हु थोडा लेट जाती हु!

में उसके बाजु में बैठ गया! मेने देखा की वो एक २० साल के करीब की अच्छे खानदानी लड़की थी! बड़ी चूचियां, पतला पेट और कमर, बहोत मेकप! उसका ब्लाउज जो की बहोत सारे सजावटी सामान के सजा हुवा था, उसे अन्दर से चुभ रहा था! इसलिए उसने अपने ब्लाउज के कुछ बटन खोल दिए! अब उसकी बड़ी बड़ी चूचियां ब्रा से बाहर झांक रही थी! मैंने उससे पुछा क्या में तुम्हारी ब्रा खोलने में मदत कर सकता हु? उसने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखा और अपनी पीठ मेरे तरफ कर दी! मैंने झट से उसके ब्लाउज के निचले भाग को थोडा ऊपर किया और ब्रा का हूक खोजकर उसे खोल दिया! फिर वो पीठ के बल लेट गयी और मेरी तरफ आशा से देखने लगी! रूम का ऐसी फुल स्पीड पर था और रूम काफी ठंडा था! मैंने अपना हाथ उसके चुचियों पर गोलाकार घुमाना शुरू कर दिया! वो अपनी आखें थोड़ी मूंदकर मेरे स्पर्श का आनंद ले रही थी! उसके निप्पल कड़े हो गए थे! मुझे इतना इशारा काफी था, वो मेरे बिस्तर पर अपने पैर थोड़े फैलाकर मुझे निमंत्रित कर रही थी!

में उसके सामने आ गया और थोडा झुककर उसके चुचियों को अपने मुह में लेकर चूसने लगा! वो गरम सांसे निकालकर मेरे लैंड की तलाश में अपना हाथ मेरे पायजामे के नाड़े तक लेकर गई और मेरा नाडा खोलकर मेरा तना हुआ लंड अपने हात में पकड़ लिया! उसके इस आक्रमकता से में हैरान हो गया! मैंने भी अपनी आक्रमकता बधाई और उसका स्कर्ट और पेटीकोट ऊपर किया! अब उसकी खुबसूरत जांगे दिखाई दे रही थी! उन्हें सहलाने का मोह दबाकर मैंने उसकी गीली चड्डी उतार दी! मेरे सामने क्लीन शेव सुनहरी रंग की चूत थी! मैंने उसके पैरो को थोडा फैलाकर आगे की तैयारी सुरु कर दी! वो बोली जल्दी करो लोग मुझे ढूँढ़ते होंगे! मैंने अपना तना हुआ लंड उसके चूत के मुह पर रखकर जोर का झटका देकर अपना लंड उसके चूत में पूरा घुसा दिया! वो लड़की कुवारी तो नहीं थी लेकिन उसकी चूत काफी सख्त थी! उसकी सख्त चूत का में पूरा मजा ले रहा था!

उसके मुह से अब जोर जोर से आहे निकल रही थी! मैंने उसे बहोत आराम से चोदा! मेरा एक हात उसकी चूत को बाजु से रगड़ रहा था! जैसे ही मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में छोडा वो आनंद के चरम सीमा तक पुहुच गयी! मुझे जड़ने में दस मिनट लगे और इस दौरान वो दो बार आनंद के चरम सीमा तक पहुच गयी! जब मैंने अपना लंड बाहर निकला तो उसने झट से बाथरूम कहा है पुछा, बाथरूम में गई और अपने को साफ किया, कपडे सवारकर बाहर आ गयी! मेरे गाल पर चुम्बन देकर मुझे धन्यवाद दिया, और बाहर भाग निकली! में उसे जाते हुए देख रहा था वो कब और कहाँ अँधेरे में भीड़ में खो गई मुझे पता नहीं लगा! में तो उसका नाम भी पूछना भूल गया!


मेरे भाग्य में उस रात और एक लड़की थी! मुझे नींद नहीं आ रही थी इसलिए मैंने टाइमपास के लिए अपने लैपटॉप पर गूगल और याहू पर सर्फ़ करना शुरू किया! मैंने ‘नवरात्री गर्भपात’, ‘नवरात्री कंडोम्स’ इन शब्दों से गूगल और याहू पर सर्च करके गुजरात के संस्कृति के बारे में अनेक नए आयामोपर जानकारी प्राप्त की! थोड़ी देर बाद मैंने देखा की और एक लड़की मेरे रूम के तरफ दौड़ती हुई आ रही थी! में सोच में पड़ गया कि यह लड़की ठीक मेरे कमरे के तरफ ही कैसे आ रही है, में तो इसे नहीं जानता शायद ये पहले वाले लड़की कि दोस्त होगी! में उसके स्वागत के लिए दरवाजे पर खड़ा हो गया! उसने पिने के लिए पानी माँगा तो मेरा शक यकीन में बदल गया! में उसे बोला ठीक है अन्दर आओ! यह लड़की भी पहली वाली लड़की के उम्र के आसपास कि थी! वो दौड़कर सीधा बेडपर लेट गयी! मैंने उसे ग्लास भरकर पानी दिया जो उसने एक ज़टके में पी लिया! मैंने अपना हाथ उसके पेट के ऊपर रख दिया तो उसने मेरे को मुस्कुराकर देखा! मैंने उसे पुछा क्या तुम्हारी दोस्त ने तुमे मेरे पास पानी पिने भेजा है, वो मुस्काराकर हां बोली! में बोला ठीक है तो फिर मुड जाओ ताकि में तुम्हारे ब्रा का हूक खोल सकु!

वो मुड गयी और अपनी पीठ मेरे तरफ कर दी! मैंने ब्रा का हूक निकलके उसके चूचियों को ब्रा के चंगुल से मुक्त कर दिया! उसके निप्पल पहले से ही कड़े हो चुके थे! मैंने ज़ुखकर उनको चूसना चालू कर दिया! मैंने उसके स्कर्ट और पेटीकोट को ऊपर करके उसकी गीली चड्डी को उतार दिया! यह लड़की बहुत ही कामुक और कामक्रीड़ा में सहयोग देने वाली थी! उसने मेरे लंड को पकड़कर अपने चूत के छेद पर रख दिया और मुझे सुजाव दिया के में पीठ के बल लेट जाऊ और वो मेरे ऊपर घुड़सवारी करेगी! मैंने कहा ठीक है, जीवन में कभी कभी बदलाव अच्छा रहता है! यह लड़की जिसका नाम रति था उसने एक ही झटके में मेरा लंड अपने चूत में घुसाकर मुझे चोदना शुरू कर दिया! मुझे अनुभव हुआ कि वह एक तरबेज घुड़सवार है! मैंने उसकी चूचियों और निप्पलस को दबोचकर उसे प्रोसाहन दिया! बाहर के संगीत के लय में वो अपने बदन को हिला रही थी! उसके मुह से जोर जोर से ऑहे निकल रही थी! आखीर में जब वो आनंद के चरम सीमा तक पुह्ची तो उसने अपनी चूत मेरे लंड के बाहर निकल ली! मैंने उसे दुबारा चोदने कि इच्छा जताई तो उसने कहा अभी नहीं लोग उसे ढूँढ़ते होंगे, बाद में वो फिर आयेगी!

वो बिस्तर से कूदी बाथरूम में गयी अपने को साफ किया, कपडे सवारे! मेरे गाल पर चुम्बन देकर मुझे धन्यवाद् दिया और भीड़ में खो गयी! रात के एक बज चुके थे! मुझे बाद में उस रात और कोई लड़की नहीं मिली और मुझे भी सुभह कि उडान पकड़नी थी! इस दो लडकियों को चोदने का भाग्य मिलने से में खुश था! मैंने दिए बूजा दिए और भविष्य कि नवरात्री कि सारी राते फिर इसी होटल में बिताने के संकल्प करके में सो गया!

सर की बीवी

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बात उस समय की है जब मैं १२वीं में पढ़ा करता था। मैं अंगरेजी के ट्युशन के लिये एक सर के घर जाता था। हम लोग ५ दोस्त एक साथ जाते थे। टीचर हम सब को दोपहर ३ बजे बुलाते थे और ५ बजे छोड़ते थे। हम लोग रोज ट्युशन जाते थे। सर भी शादी शुदा थे और सर की बीवी एक दम मस्त थी और बहुत ही खूबसुरत थी। जिस दिन से मैने उसे देखा था, मैं बस उसी के बारे में सोचता था। उसका नाम रूपा था। वो एक बंगाली टीचर था। मैं आपको बता दूं कि रूपा हर दोपहर अपने बेडरूम में सोती थी और सर हमें होल मे पढ़ाते थे। 

उसके उठने का समय ४.३० शाम था। वो हर रोज ४.३० के लगभग सो कर उठती थी और गाउन पहन कर बाथरूम के लिये जाती थी जो एक कोमन बाथरूम था, होल में। हम जहां पढ़ते थे वो प्लेस बाथरूम के जस्ट पास ही था। और वो टोइलेट करती थी तो उसका मूत इतना प्रेसर के साथ निकलता था कि उसकी आवाज़ हमारे कानों तक जाती थी। बस यही तमन्ना मन में होती थी कि एक बार उसके साथ सेक्स करने को मिल जाये तो ज़िंदगी हसीन हो जाये।

ऐसे ही दिन गुज़रते गये, और कुछ दिन बाद हमारे सर जो वहां के एक स्कूल में टीचर थे, उनका ट्रांसफ़र हो गया। तभी सर ने हमें कहा कि उनका ट्रांसफ़र हो गया है इस लिये हम किसी और टीचर का बंदोबस्त कर लें। फ़िर सर ने एक ओप्शन और रखा कि उनकी बीवी भी वोही सब्जेक्ट पढ़ाती है, अगर हम चाहे तो उनसे ट्युशन ले सकते हैं। क्योंकि सर का ट्रान्सफर टैमपरेरी बसिस पर हुआ था और उन्हें अभी फ़ैमिली ले जाने का ओर्डर और फ़्लैट नहीं मिला था। इस लिये सर अकेले जा रहे थे।

मेरे सभी दोस्तों ने मना कर दिया और दूसरे टीचर को ज्वोइन कर लिये। मगर मैं रूपा मैडम से ट्युशन लेने को राजी हो गया। सर ने भी मुझे थेंक्स कहा। जब सर जाने लगे तो उन्होने मुझे कुछ बाते बताईं कि मैं अपनी टीचर का ध्यान रखुं, अगर उन्हे कोई चीज़ चाहिये तो उन्हे ला दूं,। और मैने सर को भरोसा दिलाया कि मैं ऐसा ही करुंगा। फ़िर सर चले गये। मैडम घर में एक दम अकेली। उनको कोई बच्चा भी नहीं था। फ़िर मैं मैडम से ट्युशन लेना शुरु कर दिया और कुछ ही दिन में मैं मैडम का दोस्त भी बन गया और मैडम मेरी दोस्त बन गयी। मैं मैडम का बहुत ख्याल रखता था और मैडम मुझे एक स्टुडेंट की तरह बहुत प्यार भी करती थी। धीरे धीरे १ महीना बीत गया। फ़िर एक दिन मैने मैडम से कहा मैडम आपको सर की याद नहीं आती, मैडम ने कहा याद तो बहुत आती है मगर कोई और रास्ता भी तो नहीं है। फ़िर मैने मैडम को हिम्मत करके कहा मैडम एक बात पूछूं तो मैडम ने कहा तुम मुझसे कुछ बोलो उससे पहले मैं तुम्हे एक बात बोलना चाहती हूं। तो मैडम ने कहा कि “जब हम दोनो एक दूसरे का इतना ख्याल रखते हैं और दोस्त भी हैं तो फ़िर आजसे तुम मुझे मैडम नहीं बल्कि रूपा बोलोगे। और वैसे भी तुम पूरे दिन मेरे घर में ही तो रहते हो इसलिये मुझे मैडम सुनना अच्छा नहीं लगता।” मैं राज़ी हो गया।

फ़िर रुपा ने कहा कि तुम कुछ पूछ रहे थे तो मैने बहुत हिम्मत कर के कहा कि रूपा …। फ़िर मैं चुप हो गया और आधी बात में ही रुक गया। तो रुपा बोली क्या बात है और मैने कुछ नहीं कहा। फ़िर उसने मुझे अपनी कसम दी और बोली कहो ना नहीं तो मुझसे बात मत करना और मुझसे ट्युशन भी मत पढ़ने आना। मैने फ़िर कहा कि तुम बुरा तो नहीं मानोगी तो उसने कहा नहीं फ़िर मैं बोला कि तुम्हे क्या सेक्स करने का मन नहीं करता। ऐसा केहने पर रुपा चुप हो गयी और मेरी तरफ़ आश्चर्य से देखी। मैं डर गया था और मैने उसे सोरी कहा तो उसने कहा कि तुम्हे सोरी नहीं बल्कि मुझे तुम्हे थैंक्स कहना चाहिये। तुम्हे मेरा कितना ख्याल है और मेरे पति को मेरा ज़रा सा भी ख्याल नहीं। और उसने मुझे मेरे गाल पर एक किस दिया। फ़िर हमने साथ में डिनर किया और मैं अपने घर चला गया।

फ़िर कुछ दिन बाद, मैं एक दिन रुपा के घर गया मगर वो घर में दिखाई नहीं दे रही थी। मैं हर एक रूम देख रहा था मगर वो कहीं नहीं थी फ़िर मैने एक बाथरूम का गेट खोला और मैने वो देखा जो मैने कभी सोचा भी नहीं था। बाथरूम का गेट लोक नहीं था और जैसे ही मैने गेट खोला तो देखा कि रुपा अपने बाथरूम के कमोड पेन में बैठी थी। उसका गाउन, ब्रा और पेंटी पास ही में रखी थी। वो एक दम न्युड थी और उसने अपने लेफ़्ट हैंड की तीन उंगलियां अपनी चूत में घुसा रखी थी और राइट हैंड से अपनी चूची को दबा रही थी। उसकी आंखें बंद थी और वो मज़ा ले रही थी। मैं करीब ५ मिनट तक बिना कुछ कहे उसे देखता रहा। मेरा लंड पूरा खड़ा और हार्ड हो गया था और मेरा मन कर रहा था कि अभी उसे चोद दूं। मगर मैने अपने आप को सम्भाल कर रखा। कुछ देर बाद मैने कहा “रुपा – यह क्या!” रुपा बिल्कुल डर गई और अपनी उंगली बाहर निकाल कर अपने गाउन से अपने जिस्म को ढकने लगी और मेरी तरफ़ देखती हुई अपने रूम में चली गयी। मैं होल में एक सोफ़े पर बैठ गया।

कुछ देर बाद वो कपड़े पहन कर बाहर आयी और मेरे पास बैठ गयी और कहने लगी “तुम्हे क्या पता एक शादी शुदा औरत इतने दिन अपने पति के बगैर कैसे रह सकती है। सेक्स तो हर एक को चाहिये” और ऐसा कह कर मुझ से लिपट कर रोने लगी। फ़िर मैने उसे सम्भाला। फ़िर उसने मुझे यह बात किसी से नहीं कहने को कहा, उसके पति से भी नहीं। मैं राज़ी हो गया। फ़िर मैने कहा कि अगर तुम्हे सेक्स कि इतनी ही चाहत है तो मैं तुम्हारी यह चाहत पूरी कर सकता हूं। ऐसा कहने पर वो और ज़ोर से मुझसे लिपट गयी और मुझे फ़िर से एक चुम्मी दी और कहा “सच? क्या तुम मुझे प्यार करोगे। और मेरे पति को भी नहीं बताओगे। तुम कितने अच्छे हो”। ऐसा कह कर वो मुझे चूमने लगी और मैं भी उसे कस कर अपनी बाहों में दबाने लगा। और कुछ देर तक हम वैसे ही रहे। फ़िर मैं जाने की लिये उठने लगा तो उसने कहा कहां जा रहे और। मुझे कब प्यार करोगे। मैने कहा मैं शाम को ८ बजे आउंगा। और फ़िर चला गया।

मैं शाम को उसके घर पहुंचा और अंदर गया तो देखा कि उसने एक बहुत ही सुंदर ट्रांसपेरेंट साड़ी पहन रखी है। उसकी बड़ी बड़ी चूची उसके ब्लाउज से बाहर आने को तड़प रही थी। उसका पेट पूरा दिखाई दे रहा था। क्योंकि वो शादी शुदा थी, उसका जिस्म पूरा हरा भरा था। और मुझे ऐसी ही औरत अच्छी लगती थी। उसकी कमर बड़ी बड़ी थी और गोल भी थी। वो पूरी गोरी नहीं थी पर उसका रंग बहुत ही मस्त था। वो बहुत ही सुंदर और गरम औरत थी। उसका होंठ बड़े बड़े और आंख मोटी मोटी थी। उसकी उंगली लम्बी लम्बी थी। वो सर से पैर तक चोदने लायक थी। उसे देख कर ऐसा लगता था जैसे वो चुदवाने के लिये बिल्कुल तैयार है।

वो मुझे अपने कमरे में ले गयी और अपना बेडरूम लोक कर लिया। उसके बाल खुले थे। मैने उसे कहा, कि आज मैं उसे हर तरह से खुश और उसकी सेक्स की गरमी को थंडा कर दूंगा। वो मुस्कुरा कर बोली चलो देखते हैं। उसके ऐसा कहने पर मेरा लंड और गरम हो गया। और मैने उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसके होठों को चूमने लगा। फ़िर मैने उसे बेड पर बिठाया और उसके पेट पर अपना हाथ फ़ेरने लगा। वो भी फ़िर जोश में आने लगी और मेरे सिर के बाल को सहलाने लगी। मैने उसकी चूंचियों को अपने एक हाथ से जोर से पकड़ लिया और दबाने लगा। वो पहले तो थोड़ा दर्द से कंराहने लगी फ़िर शांत हो गयी और मैं उन्हे दबाता रहा और ऐसा करते करते उसके साड़ी के पल्लू को ऊपर से गिरा दिया। और धीरे धीरे उसकी साड़ी खोल दी। वो अपने लहंगे में और ब्लाउज में थी। फ़िर उसने मेरे शर्ट और पैंट को उतार दिया। मैं सिर्फ़ अंडरपैंट में था। उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे ऊपर सो गयी और मेरी छाती को चूमने और चाटने लगी। उसके ऐसा करने पर मुझे लगा कि ये पूरी अनुभवी है।

और मुझे फ़िर उसके चूत की गर्मी का भी अंदाजा हो गया। वो मुझे कुछ देर तक चूमती रही और कहा कि तुम मेरी चूची का मज़ा नहीं लेना चाहते और ऐसा कहते कहते उसने अपना ब्लाउज उतार दिया। उसकी दोनो बड़ी बड़ी चूची को देख कर मैं हैरान रह गया। उसके निप्पल ब्राउन रंग की थे और उसकी चूची का रंग बिल्कुल गोरा था। मैने उसे एकबार में बेड पर लिटा दिया और उसके उपर चढ़ कर उसकी एक चूची को चूसने लगा और दूसरी को दबाने लगा। वो ज़ोर से आहैं भरने लगी और मुझे और ज़ोर से दबाने को कहा। मैने ऐसा ही किया। उसने मेरे सिर को पीची से पकड़ कर जोर से अपनी चूची पर रगड़ने लगी। ऐसा लगता था जैसे वो अपनी पूरी चूची मेरे मुंह में भर देना चाहती हो। कुछ देर बाद मैने उसके लहंगे का नाड़ा खोल दिया और उसे उतार कर फ़ेंक दिया।

वो एक सुंदर फूलों वाली गुलाबी रंग की पेंटी पहनी हुई थी। उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि अभी अपना गरम लंड उसकी चूत में घुसा दूं। उसकी गोरी जांघे मोटी मोटी और अच्छी शेप में थी। मैने उससे पूछा कि तुम अपने पति के साथ सेक्स कैसे करती हो, तो उसने कहा कि वो मुझे ज्यादा मज़ा नहीं देते। मेरी चूची को कुछ देर चूसते हैं और अपना लंड मेरी चूत में डाल देते हैं और कुछ ही देर में झड़ जाते हैं। मुझे तो झड़ने का मौका ही नहीं मिलता। तुमने मुझे जिस दिन बाथरूम में उंगली करते देखा था वो तो मैं उनके होते हुए भी करती हूं। मैने कहा और कुछ नहीं करती हो। उसने कहा और होता ही क्या है। तो मैने उसे कहा कि तुम्हे तो अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है। उसने कहा सच, अगर ऐसा है तो जल्दी करो न।

और ऐसा कहने पर मैने उसकी पेंटी को धीरे धीरे उतार दिया। मैने उसे बिल्कुल नंगी कर दिया था। मैने पहलि बार किसी औरत की चूत को ऐसे देखा था। उसकी चूत बिल्कुल कड़ी थी। उसपर हल्के हल्के ब्राउन रंग के बाल चारों तरफ़ थे। मैने फ़िर अपना अंडरपैंट उतारा तो मेरा भी मोटा और ७” लम्बा लंड देख कर वो बोली कि ऐसे लंड से चुदवाने का मज़ा मुझे पहली बार आयेगा। मैने कहा इसे टेस्ट करना चाहोगी। उसने कहा मुझे घिन आयेगी। तो मैने कहा कर के तो देखो। फ़िर मैने उसे बिना कुछ कहे उसके दोनो पैर को चौड़ा किया और उसके पैरों के बीच बैठ कर उसकी चूत में एक चुम्मी दे दी। ऐसा करने पर उसने कहा, तुम ऐसा मत करो। तुम्हे घिन आयेगी। मैने कहा, इसी में तो सारा मज़ा है।

फ़िर मैने उसे अपनी जीभ से चाटना शुरु किया और उंगली से उसको फ़ैलाने लगा। ऐसा करने पर उसे बहुत दर्द हो रहा था। उसने मुझे ऐसा नहीं करने को कहा मगर मैं कहां सुनने वाला था। वो जोर जोर से सिसकियां भर रही थी। और मैं पूरे जोर से उसके चूत को चूस रहा था। उसके चूत में एक बहुत ही सुंदर खुशबू आ रही थी। उसकी चूत बहुत गरम थी। मैं करीब १५ मिनट तक उसकी चूत को चूसता रहा। कुछ देर बाद उसे अच्छा लगने लगा। मैने उससे पूछा अब कैसा लग रहा है तो उसने कहा अब कुछ अच्छा लग रहा है। मैने फ़िर अपनी दो उंगली उसके गरम चूत में घुसा दी मगर उसकी चूत इतनी कड़ी थी कि वो अंदर नहीं जा रही थी। मैं आप सब को एक बात बता दूं। मैं बहुत सारी ब्लु फ़िल्म देखता हूं और मुझे मालूम है कि किस लड़की को किस तरह चोदना चाहिये। तो चूंकि उसकी चूत में मेरी उंगली नहीं जा रही थी तो मैने उसकी चूत पर अपना थोड़ा सा मूत गिरा दिया। उसने पूछा ये क्यों तो मैने कहा ये इसलिये ताकि तुम्हे दर्द नहीं हो। और ऐसा करने पर उसकी सूखी चूत गीली हो गयी और मेरी उंगली आसानी से अंदर चली गयी और मैं उसे जोर जोर से अंदर बाहर करने लगा। ऐसा करते करते उसका जिस्म काँपने लगा और उसने कहा कि तुम अपना मुंह और उंगली वहां से हटा लो, मैं अब झड़ने वाली हूं। मैने कहा मैं उसे पीना चाहता हूं इतना कहते कहते वो झड़ गयी और मैं उसके पूरे रस को पी गया और एक बूंद भी नहीं गिराया।

उसने कहा तुमने मुझे बहुत संतुष्ट किया है और मैं भी अब तुम्हारा लंड चूसना चाहती हूं। उसने भी मेरा लंड अपने मुंह में लिया और उसकी चमड़ी को पीछे करके उसके अंदर वाले सेंसिटिव पार्ट को अपने जीभ से रगड़ने लगी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। वो मेरा पूरा ७” लम्बा लंड अपने मुंह में लेना चाहती थी। उसके चूसते कुछ देर बाद मैं भी झड़ने वाला था इस लिये मैने अपना लंड उसके मुंह से निकालना चाहा मगर वो भी वही करना चाहती थी जो मैने किया मगर मेरे थोड़ा तनने से मेरा लंड उसके मुंह से बाहर निकल गया और मैं वहीं झड़ गया और मेरा सारा रस उसके पूरे मुंह में पिचकारी की तरह छिटक गया, कुछ उसके होठों पर, कुछ उसके गाल पर और चारों तरफ़। वो उस पूरे रस को अपने होठों और उंगली से चाटने लगी और उसका पूरा मज़ा लेने लगी।। फ़िर उसने मुझे थेंक्स कहा और मेरे लंड को अपने होठों से चाट कर साफ़ कर दिया। और अब मुझे अपना लंड चूत में घुसाने को कहा। मैने ऐसा ही किया।

मैने धीरे धीरे अपने लंड को उसके चूत में घुसाने लगा मगर उसके घुसने से पहले ही वो चीख पड़ी। फ़िर मैने थोड़ा और जोर लगाया और ४” उसके चूत में डाला। उसका दर्द और बढ़ गया। वो और जोर से छटपटाने लगी और मुझे बस करने को कहा। उसने कहा “मेरे पति का लंड तो सिर्फ़ ५” का ही है और अब मैं तुम्हारा ९” लम्बा लंड कैसे घुसाउंगी।” मैने कहा तुम उसकी चिंता मत करो और एक और झटका लगाया और मेरा ७” लंड उसकी चूत में समा गया। उसकी आंखों से आंसू निकल पड़े मगर मैं रुका नहीं और धीरे धीरे पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। उसकी चूत बहुत गरम थी। मैं अपने लंड को अंदर बाहर करता रहा। कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी। वो अपनी कमर को मेरे साथ साथ आगे पीछे करने लगी।
चूंकि हम दोनो अभी अभी झड़े थे इसलिये दोबारा इतनी जल्दी झड़ना मुम्किन नहीं था। इस लिये मज़ा और ज्यादा आने लगा। ऐसा करते करते कुछ देर बाद वो झड़ गयी। उसकी गरम चूत गीली हो गयी। और वो शांत पड़ गयी। मगर मैं रुका नहीं और मैं उसे चोदता रहा। उसने मुझे अब रुकने को कहा मगर मैं रुका नहीं और अपना काम करता रहा। लगभग १० मिनट के बाद मैं भी झड़ गया और मैने अपना पूरा माल उसकी चूत में गिरा कर शांत हो कर उसकी बाहों में सो गया। वोह मुझे चूमती रही और मेरे ऊपर लेट गयी। कुछ देर बाद मैने उसे कहा, अभी तो और एक मज़ा बाकी है। उसने कहा वो क्या। तो मैने कहा, अभी मैं तुम्हारी गांड मारूंगा जिसमे तुम्हे बहुत मज़ा आयेगा। उसे उसके बारे में कुछ नहीं मालुम था। उसे लगा इसमे भी बहुत मज़ा आयेगा और वो राज़ी हो गयी।
फ़िर मैने उसे उसके बेड के एक कोने मे कुत्ते की तरह खड़े होने को कहा और उसके दोनो हाथ बेड के ऊपर रख दिये। उसका पैर ज़मीन पर और उसकी कमर बीच में। फ़िर मैने उसके मुंह में अपना लंड डाल दिया ताकि वो कुछ गीली हो जाये। फ़िर मैं अपने होठों से उसकी गांड चाटने लगा और उसे पूरी तरह गीली कर दिया। उसे अच्छा लग रहा था। फ़िर मैने अपना लंड अपने हाथों में लेकर उसके गांड के छेद पर लगाया और अपने हाथों से पकड़ कर एक धक्का मारा। मेरे धक्के मारते ही वो चीख पड़ी और कहा मुझे बहुत दर्द हो रहा है। मैने कहा थोड़ा सहन करो। पहली बार है ना। और फ़िर बार बार धक्का लगाता रहा, बार बार वो चीखती रही और बार बार मेरा लंड कुछ अंदर जाता रहा। ऐसा करते करते मेरा लंड ४” अंदर चला गया। उसने मुझसे रोते हुए उसे छोड़ देने को कहा। मगर मैने उसे समझाया कि बस कुछ देर बाद है उसे मज़ा आयेगा।

ऐसा कहने पर वो मान गयी और मैने फ़िर एक जोरदार धक्का लगा कर अपना लंड १.५” और अंदर ठेला। ऐसा करते करते मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में घुस गया और वो जोर जोर से सिसकियां भरने लगी। फ़िर मैने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरु किया और कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा। फ़िर मैने उसकी चूची को पीछे से पकड़ कर दबाने लगा और उसकी गांड भी मारने लगा। ऐसा करते करते मैं फ़िर से झड़ गया और अपना पूरा रस उसकी गांड में दाल दिया। और फ़िर उसे बेड में लेकर लेट गया और उसकी चूची चूसने लगा।

फ़िर मैं बेड पर लेट गया और उसे मैने अपने लंड पर बैठाया और रुपा ने धीरे धीरे मेरा सारा लंड अपनी गांड में घुसवा लिया। वो मेरे लंड पर नाचने लगी और मज़ा लेने लगी। उसने फ़िर अपनी लम्बी उंगली की बड़े बड़े नैल्स से मेरे गांड के आस पास के एरिया को खरोंचने लगी। ऐसा करने पर मुझे बहुत आराम लग रहा था। फ़िर उसने मेरी गांड के छेद पर अपने मुंह का थूक गिराया और अपनी उंगली मेरे मुंह से गीली कर के मेरी गांड में अपनी उंगली घुसाने लगी। मुझे पहली बार बहुत दर्द हुआ और कुछ देर बाद मज़ा आने लगा और वो करीब १५ मिनट तक ऐसा करती रही।

ऐसा करते करते हम दोनो कब सो गये हमे मालूम ही नहीं चला। फ़िर सुबह हुई और हम दोनो एक दूसरे के जिस्म से लिपटे हुए उठे। और जब भी मौका मिलता मैं उसे दिन में भी चोदने लगता। हम दोनो फ़िर हर रोज़ एक साथ सोने लगे और मैने उसे हर एक पोस मे चोदा और मज़ा दिया। हम ब्लुफ़िल्म भी साथ देखते और उस स्टाइल में एक दूसरे को चोदते। मैने उसकी गांड मार मार कर उसकी कमर को चौड़ा कर दिया था जिससे वो और भी सुंदर लगती थी।

मैने अपनी एक पुरानी ख्वाइस भी पूरी करनी चाही। मैने उसे कहा कि जब मैं सर से पढ़ता था और जब तुम दोपहर को सोने के बाद टोइलेट करने जाती थी तो तुम्हारा प्रेसर सुनकर मुझे तुम्हारे चूत को चाटने का मन करता था। तब उसने कहा कि तुम अपनी इच्छा अभी पूरी कर लो। और फ़िर वो बाथरूम में गयी, उसने मूतना शुरु किया उसी प्रेसर के साथ और मैने उसके मूतते हुए अपना मुंह उसके चूत से सटाया। उसका सारा मूत मेरे मुंह पर गिरने लगा और मैं उसका मज़ा लेने लगा।

इस तरह जब मेरा मन करता मैं रुपा को चोदने लगता और वो भी पूरी चाहत के साथ मुझसे चुदवाती।

ममेरी बहन की चुदाई

मैं वीरम मेरठ का रहने वाला हूँ। मैं एक २३ साल का अच्छे खासे शरीर वाला जवान लड़का हूँ।
मैं अनल्पाई.नेट को काफ़ी समय से देखता आ रहा हूँ। आज मेरा भी दिल किया कि मैं भी अपनी एक घटना आपको बताऊँ।

तो अब मुद्दे पर आते हैं।

अब से कोई ४ साल पहले मैं अपने मामा के घर गर्मी की छुट्टियों में गया था। मेरे मामा की तीन बेटियाँ हैं। सबसे बड़ी लड़की, जो मेरी ही उम्र की है, सोनिया के साथ यह सब कुछ हुआ जो मैं बताने जा रहा हूँ।

एक दिन मैं रात को उठ कर पेशाब करने के लिए गया तो सोनिया भी वहीं पर पहले से ही पेशाब कर रही थी। मैं बाहर से ही उसे झांक कर देखने लगा। मैंने देखा कि वो पेशाब करने के बाद अपनी चूत में उंगली डाल कर हिला रही थी। यह सब देख कर मेरा लण्ड खड़ा होने लगा। इसी बीच उसने मुझे देख लिया और वो वहाँ से भाग गई।
अगले दिन सुबह मैंने जब उसे देखा तो वो मुझे देख कर मुस्कुराने लगी। मैं भी मुस्कुराने लगा। चूंकि मैं उससे बड़ा था तो वो मुझ से शरमाती थी। हमारे मामा खेती करते हैं। हम एक दिन खेत पर गए। तो मेरी मामी ने मुझे और सोनिया को कहा कि दोनों जाओ और कुंए से पानी भर कर ले आओ।
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कुंआ थोड़ी दूर खेतों के बीच था। हम दोनों पानी लेने आ गए। वो कुंए से पानी भरती भरती हंस रही थी। मैं उसकी चूचियाँ बड़े ध्यान से देख रहा था। पता नहीं क्यों मेरे अन्दर एक बिजली सी दौड़ रही थी। उसकी चूची बिल्कुल साफ़ दिख रही थी। जब वो पानी भरती हुई झुक रही थी तो उसकी सलवार उसके चूतड़ों की दरारों में घुस रही थी .वो अब भी हँसे जा रही थी।

तभी जैसे ही वो वहाँ से जाने लगी तो मैंने कहा थोड़ा रुक कर चलेंगे। वो भी चाहती थी कि आज हम दोनों कुछ करें। मैंने उससे रात वाली बात के बारे में पूछा तो वो शरमा गई। मैंने सोचा अब यह अच्छा मौका है, मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी और खींचा और उसका हाथ अपने लण्ड के ऊपर रख दिया। उसने कुछ नहीं कहा तो मैंने उसे चूमना शुरू कर दिया, उसके पूरे शरीर को नंगा कर दिया और हम दोनों खेत में घुस गए।

उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरा मोटा और लंबा लण्ड चूसने लगी तो मैं मदहोश होने लगा।
मैंने कहा- बस करो मैं मर जाऊंगा।

मैंने उसकी चूचियों को बहुत देर तक चूसा। वो मस्त हो कर आहें भर रही थी। मेरा लण्ड खड़ा होके पत्थर की तरह सख्त हो गया और उसकी टांगों के बीच जोर मारने लगा। हमने अब समय ना गंवाते हुए अब एक दूसरे का साथ देना शुरू किया। मेरा लण्ड उसकी चूत के मुंह पे था तो वो मदहोश हो गई और आँखें बंद करके अपने होंठ काटने लगी तो मैंने उसके होंठ अपने होठों से मिला कर एक जोर का झटका मारा। मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में था उसकी चीख दब कर रह गई। उसकी चूत से खून निकल रहा था तो वो डर गई और मैं भी।


हमने जल्दी जल्दी खून साफ किया और कपड़े पहन लिए और वापस चल दिए।