Bhaeyon Ne Randi Banaya |
हेल्लो.. मेरा नाम सीमा हें, मे 21 साल की हूँ. आज मे आप को अपनी बर्बादी की कहानी सुनाने जा रही हूँ की केसे मे बच्ची से रंडी बन गयी। जब मे 10 साल की थी तब मेरी मम्मी का स्वर्गवास हो गया था. तब मेरे पिताजी ने एक और औरत से शादी कर ली जिसको दो लड़के थे अरुण जो की मुझसे 4साल बड़ा है और वीरन मुझसे 5 साल. मेरे पिताजी काम पर चले जाते थे. मेरी सोतेली माँ मुझ पर बहुत जुल्म करती थी. मुझसे सारे घर का काम करवाती थी और मारती भी थी। उसने मेरे पिताजी को यह कह कर की मेरी पढ़ाई पर बहुत पैसे लगाते हैं और वेसे भी लडकी जात पढ़ कर क्या करेगी, जब मे 4 क्लास मे थी तभी मुझे स्कूल से भी निकलवा दिया. ये उस वक़्त की बात है जब मे 16 साल की थी। मे एक दम गोरी थी। 16साल की उम्र मे बहुत चिकनी हो गयी थी. मेरे बोब्स छोटे मगर बिल्कुल टाईट हो गये थे. मेरी कमर एक दम पतली और पेट एक दम फ्लॅट था. मेरी चूत और गांड के छेद एक दम टाइट और बिल्कुल छोटे थे. चूत एकदम गुलाबी है और उस पर एक भी बाल नही था. एकदम चिकनी हाथ रखो तो फिसल जाए. मेने महसूस किया की मेरे सोतेले भाई मुझ पर गंदी नज़र रखने लगे थे। वो मेरे बोब्स और गांड को घूर घूर के देखते, लेकिन मेने उन्हे यह पता नही लगने दिया की मुझे पता है की वो मुझे देखते हैं. उन्ही दिनो मेरी माँ का भाई मर गया जिसकी वजह से मेरे पिताजी, मेरी माँ और अरुण को एक हफ्ते के लिए जाना पढ़ गया लेकिन वीरन किसी ज़रूरी काम की वजह से ना जा सका जो मुझे बाद मे पता चला की उसने बहाना बनाया था. उसे कोई ज़रूरी काम नही था। जिस दिन मेरे घर वाले गये उस दिन रात को खाने के बाद जब मे सोने चली गयी तो रात को 12 बजे वीरन मेरे कमरे मे आया और मुझे कोल्ड ड्रिंक पीने को दी. मे बहुत खुश हुई पहली बार मेरे भाई ने मुझे कुछ दिया है. मुझे उस कोल्ड ड्रिंक का टेस्ट कुछ अलग लगा लेकिन मे वो पी गयी. उसके 10 मिनट बाद मेरी हालत खराब होने लगी. मुझसे हिला तक नही जा रहा था. मे बेड पर लेटी हुई थी. बोलने मे भी दिक्कत हो रही थी. मेने बहुत मुश्किल से वीरन से कहा की मेरी हालत खराब हो रही है तो उसने कहा की वो तो होगी क्युकी मेने कोल्ड ड्रिंक मे दवा डाली थी जिससे तू 9,10घंटो तक अपनी उंगली तक नही हिला सकेगी और ना ही ज्यादा ज़ोर से बोल सकेगी… मेने उस से पूछा की भैया आपने ऐसा क्यों किया? तो वो बोला की बहुत दिनो से तेरे चिकने बदन को चोदने का मन कर रहा था. यह सुन कर मे हेरान रह गयी। मे बेड पर लेटी हुई थी और ज़रा सा भी हिला नही जा रहा था. फिर वो मेरे पास आया और मेरी कमीज़ उतारने लगा. मेने उसे बोला की भैया भगवान के लिए ऐसा ना करो.. तो वो बोला की आज तो मे तुझे रंडी बना के ही रहूंगा… फिर उसने मेरा पजामा भी उतार दिया. अब मे सिर्फ़ ब्रा और पेंटी मे थी. वीरन ब्रा के उपर से ही मेरे बोब्स दबाने लगा. उसने कहा की तेरे चिकने बदन पर तो हर लंड फिदा हो ज़ाये… थोड़ी देर बाद उसने मेरी ब्रा और पेंटी भी उतार दी. फिर वीरन ने मेरी दोनो टांगो को फेला दी और अपने कपडे उतार कर बिल्कुल नंगा हो गया. अब मुझसे बोला भी नही जा रहा था. जब मेने उसका लंड देखा तो बिल्कुल हेरान रह गयी की किसी का इतना बड़ा लंड भी हो सकता है. उसका लंड 9” लंबा और 2.5” मोटा था. वो मेरा मुहं खोल के उसमे अपना इतना बड़ा लंड डालने लगा और कुछ देर बाद पूरा लंड डाल कर झटके देने लगा. हर झटके मे उसका लंड मेरे गले तक पहुच जाता जिससे मुझे साँस लेने मे दिक्कत होने लगी। कुछ देर बाद वो मेरे मुहं मे ही झड़ गया और अपना लंड मेरे मुहं मे उस समय तक डाला रखा जब तक मे उसके वीर्य को निगल ना गयी. उसके बाद उसने अपना लंड निकाल कर मेरी चूत के सुराख पर रख दिया और अपने दोनो हाथों से मेरी पतली कमर पकड़ ली. अब मे चुदने के लिए बिल्कुल तैयार थी. उस बहनचोद ने पूरी ताक़त से अपना लंड मेरी चूत मे घुसा दिया. उस दर्द से मेरी आँखे पूरी तरह से खुल गयी लेकिन चीख नही निकल सकी. फिर उसने एक और ज़ोरदार झटका मारा और अपना पूरा लंड मेरी छोटी चूत मे घुसा दिया और मेरी सील तोड दी. दर्द से मेरी आँखों से आँसू निकल आए. उसके बाद उसने मुझ पर ज़रा भी रहम नही खाया और जोर ज़ोर से झटके मार के मेरी चूत मे ही झड़ गया और मेरे उपर गिर गया। कुछ देर बाद वो वापस उठा और मेरे मुहं मे अपना लंड डाल दिया और कुछ देर बाद अपना लंड मेरे मुह से निकाल कर वापिस पूरी शक्ति से मेरी चूत मे डाल दिया. मे फिर दर्द से कांप उठी. मे ऐसे मे कई बार झरी. उसने मुझे उस रात कई बार चोदा और इतनी बुरी तरह से चोदा की मे रात को बेहोश हो गई. अगले दिन जब मेरी आँख खुली तो मे बेड पर बिल्कुल नंगी लेटी हुई थी. शाम के 5 बज रहे थे. लेकिन अब उस दवा का इफेक्ट खत्म हो गया था. मे उठी तो दर्द से चला भी नही जा रहा था. बेड पर मेरा और वीरन का वीर्य गिरा हुआ था और साथ मेरी चूत से निकला हुआ खून भी था. मे बहुत मुश्किल से उठी और आईने के सामने आई. मेने देखा की मेरी चूत फूल गयी थी और एक दम लाल हो गई थी. मेने नंगी ही घर मे देखा लेकिन वीरन घर मे नही था और दरवाजा भी बंद था। उसके बाद मेने गर्म पानी से शावर लिया. मे जब बाहर आई तो देखा की वीरन वापिस आ गया है और टीवी देख रहा है. हमारे घर मे सब के पास मैं दरवाजे की एक्सट्रा चाबी हैं. मेने उस समय सिर्फ़ टावल लपेटा हुवा था. वीरन ने मुझे अपने पास बुलाया. मे उस से आँख नही मिला पा रही थी. उसने मुझे अपने पास सोफे पर बेठने को कहा और उसने टीवी पर कुछ लगाया जिसे देख कर मे शक मे आ गयी. मूवी मेरी ही चुदाई की थी. फिर वीरन ने मुझे बोला की अगर मेने किसी को बताने की कोशिश की तो ये मूवी पिताजी को दिखा दूंगा और बोलूगा की तुम अपनी मर्ज़ी से मुझ से चुदी हो… ये सुनकर मे डर गयी. और उसने कहा की जब तक घरवाले वापस नही आ जाते तू नंगी ही रहेगी… अगर मुझे तेरे बदन पर एक भी कपडा नज़र आया तो तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा… फिर उसने मेरे बदन से टावल खींच कर मुझे नंगा कर दिया. उसने मुझसे खाना भी नंगा ही बनवाया. खाना खाने से पहले उसने अपना लंड मेरे मुहं मे डाल दिया और झटके मारने लगा और जब वो झड़ने वाला था तो उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और अपना वीर्य मेरे खाने पर गिरा दिया और बोला चल रंडी इसे खा जा.. मुझे खाना पड़ा. रात के 8 बज चुके थे उसने मुझे बेड पर जाने को कहा, मे समझ गयी और चुप चाप चली गयी. थोड़ी देर बाद वो आया और उसने अपने लंड पर तेल लगाया और मुझे कुत्तिया की तरह बनने को कहा. मे डर के मारे उसकी हर बात मान रही थी. फिर उसने पीछे से मेरी चूत पर अपना लंड टिका दिया और आहिस्ता2 अंदर डालने लगा. अब मुझे और दर्द होने लगा और मे आआआआः ऊऊऊऊः ईईईईईईईईई करने लगी. अभी उसका लंड तोडा ही अंदर गया था की उसने एक ज़ोर का झटका मारा और उसका लंड पूरा अंदर चल गया. मेरी बहुत ज़ोर की चीख निकली. वो हँसने लगा और कहा की चिल्लाती क्यूँ है अब तो तू रंडी बन गयी है… फिर वो थोड़ी देर बाद तेज़ झटके मारने लगा. कुछ देर बाद मुझे अपनी चुदाई का मज़ा आने लगा और मे झड़ गयी. ये देख कर वो बोलने लगा की हरामी तू भी मज़े ले रही है.. ! अब मे अपनी गांड पीछे कर के उसका साथ देने लगी। अभी ये सब चल ही रहा था की अचानक अरुण आ गया. ये देख कर मे और वीरन डर गये क्युकी अरुण को तो 1 महीने के बाद आना था. वीरन ने मेरी चूत से अपना लंड निकाल लिया. अरुण गुस्से मे बोला की भैया ये आप क्या कर रहे हैं? वीरन कुछ नही बोला तो अरुण ने उस से कहा की भैया इस रंडी को तो मुझे चोदना था! ये सुन कर मे हेरान रह गयी और मुझे अपने कान पर यक़ीन नही आया. अरुण की बात सुन कर वीरन हंस पड़ा और कहा की मेने अभी तक इस रंडी की गांड नही मारी.. तो अरुण ने कहा की चलो इसकी गांड चोडी करते हें… अरुण ने बताया की मे मम्मी और पिताजी से एग्जाम का बहाना कर के आया था. ताकि मे इसको चोद सकू लेकिन भैया आपने इसे मुझसे पहले ही चोद दिया. मे बेड पर लेटी उन दोनो की बाते सुन रही थी. तब अरुण ने जल्दी से अपने कपडे उतार दिए. मे देख कर हेरान रह गयी की उसका लंड तो वीरन से भी बड़ा था. अरुण ने अपना लंड मेरे मुहं के सामने रखा और बोला की चल इसे चूस… मेने अरुण से कहा की अरुण भैया ऐसा ना करो तो उसने मुझे ज़ोर से एक थप्पड़ मारा और कहा की भैया का लंड तो बड़े मझे से अपनी चूत मे ले रही थी.. मुझे अपना मुहं खोलना ही पड़ा। थोड़ी देर अपने लंड से मेरे मुहं मे झटके मारने के बाद अरुण ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और मुझे उल्टा करके मेरे पेट के नीचे एक गोल तकिया रख दिया. उतने मे वीरन तेल ले आया और मेरी गांड पेट पर तेल लगाने के बाद अरुण से बोला की फाड़ दे इस कुत्तिया की गांड!!! अरुण ने जोर ज़ोर से झटके मार कर थोड़ी ही देर मे अपना पूरा लंड मेरी गांड मे घुसा दिया और थोरी देर के लिए रुक गया. मे जोर ज़ोर से चिल्लाने लगी और कहा की तुम दोनो भाइयों ने मेरा सत्यानाश कर दिया आआआआआः ऊऊऊवई हाआआआआआआआई.. मे मर गयी निकालो इसे बहनचोद…!!!! वो दोनो मेरी हालत पर हसने लगे और कहा की यह जगह लंड निकालने की नही घुसेड़ने की जगह होती है और मेरा लंड जब ही निकलेगा जब तेरी गांड पूरी तरहा से फट जाएगी !!! अरुण ने वीरन को कहा की ये कुत्तिया तो चिल्लाती रहेगी तो रग़ड डाल इसकी गांड को…बिल्कुल रहम ना कर… अरुण ने जी भय्या कह कर मेरी गांड मे चक्की चला दी और मेरी गांड मारना शुरू कर दिया और जब तक करता रहा जब तक उसे विश्वास ना हो गया की मेरी गांड फट गयी है. फिर उसने मेरी गांड से अपना लंड निकाला और अरुण ने मुझे सीधा करके अपना लंड मेरे मुहं के सामने कर दिया और बोला की चल चूस इसे. मेने मना किया तो पीछे से वीरन ने मेरी चूत पर खींच के लात मारी जिससे मे बलबला उठी और दर्द से तडपने लगी. अरुण ने मेरे होंठो पर अपना लंड चिपकाया तो अब की बार मेने चुपचाप अपना मुहं खोल दिया और उसका लंड चूसने लगी । इसके बाद उन दोनो ने एक एक बार फिर से मेरी चूत को ठोका और हम सो गये. उसके बाद जब तक पिताजी और माँ नही आ गये उंन दोनो ने जम कर मेरी चुदाई की. जिस दिन पिताजी और माँ ने आना था उस पूरे दिन उंन दोनो ने मेरी बारी बारी गांड फाड़ी और आख़िर मे आईने में से मुझे मेरी गांड दिखाई।मेरी गांड का सूराख बुरी तरह से सूजा हुवा था और उभर कर बहुत चौड़ा हो गया था और उठते बैठते बहुत दर्द कर रहा. पिताजी और माँ के आने के बाद भी उन्हे जब भी मोक़ा मिलता वो मुझे चोद देते और मे कुछ भी नही कर सकती थी क्युकी अब तक उन्होंने मेरी बहुत सारी वीडियो बना ली थी. उम्मीद है आप लोगों को मेरी कहानी पसंद आई होगी। You Also Like दीदी की कुँवारी चूत फाड़ी | दीदी को दिया अनमोल गिफ्ट | दीदी और पड़ोस वाला आदमी | घर जेसा मज़ा और कहाँ | भाईयों ने रंडी बनाया | बड़ी बहन को मनाया | ज़िन्दगी के अजीब रंग | प्यार से चुदाई | प्यारा दोस्त और दीदी -2 | प्यारा दोस्त और दीदी -1 | यहाँ भी चुदी और वहाँ भी-1 | यहाँ भी चुदी और वहाँ भी-2 | मेरी चुदास | भाई ने गांड में लंड दिया | सगी बहन की चूत | अंकल ने मम्मी को रंडी बनाया | अंकल की नाजायज़ बीवी बनी | मेरे भाई का Birthday | वर्जिन सोनिया की चुदाई | बालों वाली चूत आंटी की चूत | चुदासी भाभी की चूत में बेलन | पापा ने चुदना सिखाया अपार्टमेन्ट | मेरी बेटी मेरी चुदने की इच्छा | बुर में कीड़े रेंग रहे हैं | लड़की को उत्तेजित करने का तरीका | Grand मस्ती | बोस की बेटी की चुदाई | मोना आंटी और उनकी चूचियाँ मेरी पहली चुदाई | भाभी का प्यार | दीदी की चूचियों का रस | रूही की चुदाई | भाभी की बहन पूनम आपी की चूत | नौ रातो की बेवफाई | सर की बीवी | ममेरी बहन की चुदाई | जीजाजी, दीदी. और. मैं | चूत मम्मी की और चुदाई बेटी की | अलका. भाभी. को. माँ. बनाया | भतीजी की चुदाई | गाँव में चुदाई | पड़ोस में रहने वाली भाभी | अवैध संबंध | मेरी साली सीमा | भाई. की. नीयत | आई. लव. यू | भाभी की चुदाई | लड़की को क्लास में चोदा | मुँहबोली बहन | देशी भाभी की चुदाई | चाचीजान की गरमी | भइया का अधूरा काम गाण्ड मारने की विधि | भइया का अधूरा काम |
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Friday, 12 December 2014
भाईयों ने रंडी बनाया
Saturday, 25 October 2014
वर्जिन सोनिया की चुदाई
सोनिया
और मैं बचपन से ही एक दुसरे के करीब थे; वो मेरे डेड के बिजनेस पार्टनर
खुराना अंकल की इकलोती बेटी थी और वह मेरे क्लास में ही पढ़ती थी. सन्डे को तो
अक्सर हम दोनों के घर वाले साथ में ही लंच और डिनर करते थे. मेरा बड़ा भाई सपन
मुझसे 10 साल बड़ा था इसलिए मुझे भी सोनिया की कम्पनी अच्छी
लगती थी. पहेले गुडिया से खेलते थे और अब कोलेज की देहेलिज पर आ चुके है. लेकिन
मैंने सोनिया को कोलेज आने तक कभी भी प्रोपोस नहीं किया था, हाँ
मेरे मन में उसके लिए प्यार तो मुझे भी पता नहीं की कब से था, जब से होंश संभाला उसी के सपने आते थे. वैसे इस हॉट लड़की की फिगर भी काफी
अच्छी थी कोलेज के फर्स्ट इयर से ही सब उसके 34-28-32 के बदन
के दीवाने बने थे. कोलेज में भी सोनिया मेरे साथ ही रहेती थी. उसके भारी स्तन के
काफी दीवाने थे और कभी कभी तो जब सोनिया मेरे साथ नहीं होती थी तो मेरे कुछ दोस्त
भी मुझे पूछते थे की क्यां मेने यह स्तन देखे है, क्या मैंने
यह स्तन चुसे है….?
लेकिन मैं उन्हें कुछ नहीं कह पाता था की मेरी आज तक सोनिया से दिल की बात करने की हिम्मत ही नहीं हुई. खेर ऐसे ही दिन बीत गए और हम दोनों अब कोलेज के दुसरे साल में आ गए. पहेले साल की एक्जाम में सोनिया का पुरे क्लास में तीसरा नंबर आया था और उसने कपिल के फार्म हाउस पर सभी दोस्तों को पार्टी दी थी. हम इसी पार्टी को ख़तम कर के मेरी कार में घर आ रहे थे. पूरी पार्टी में सोनिया के छोटे स्तन और व्हाईट टी-शर्ट मेरे दिल को सताते रहें, मेरा लंड अगिनत बार खड़ा हुआ था, पर पिछले 19 साल की तरह में आज भी खामोश ही रहा. गाडी अपनी गति से चल रही थी, और उसमे एक मस्त रोमेंटिक गाना चल रहा था. सोनिया अपनी टांगो को डेशबोर्ड पर रख के बेठी थी और उसकी जांघो तक का भाग खुला था. शर्दी की मौसम थी पर इतनी ठंड नहीं थी. सोनिया ने तभी बॉयफ्रेंड बनाने की बात की. मेरा दिल जैसे की कट रहा था और वोह हंस हंस के अलग अलग लड़के जो उसके दिल में थे उनकी अच्छाई बुराई का लिस्ट बता रही थी. मेरे दिल ने मुझे कहाँ “कबीर आज नहीं तो फिर कभी नहीं….अगर सोनिया किसी और के चक्कर में पड़ी तो यह स्तन यह हुशन का धन कोई और लूटेगा और तू उसका साल बन जाएंगा”
मैंने तुंरत गाडी की ब्रेक लगाईं और साइड में गाडी रोक के सोनिया की गर्दन से उसको पकड के अपनी तरफ खिंच लिया. वोह कुछ समझे उसके पहले मैंने उसके गुलाबी लिपस्टिक वाले होंठो से अपने होंठ मिला दिए. वो थोडा इधर उधर हुई और फिर उसने भी मेरे होंठो को चूमना और चुसना चालू कर दिया. मेरा लंड अंदर पड़ा पड़ा एंठने लगा था. मैंने सोनिया को और खिंचा और उसके स्तन पर हाथ रख के इन भारी स्तन को मसलना चालू कर दिया. सोनिया पागलो की तरह मुझे चूस रही थी. मैंने उसे पीछे से पकड के दूर किया. वोह बोली,
“कबीर अगर आज मैं जूठमुठ में बॉयफ्रेंड की बात ना करती तो तू तो कभी कुछ कहेता ही नहीं…डेमेट…आई लव यु आने एंड आई नीड़ यु….!”
मेरे गालो पर लाली आ गई, वैसे सोनिया की बात सही थी..वो एक लड़की थी और वह थोड़ी सब कुछ कर सकती थी. मैंने आज मनोमन उसके स्तन, चूत सभी पर अपना सिक्का लगा देने के लिए सोच लिया और मैंने कहा, “आई लव यु टू सोनिया, लेकिन तुम इतनी स्मार्ट और गुड लुकिंग हो इसलिए में डरता था……कहीं तुम रिजेक्ट कर देती तो…मुझे भी तुम्हारी फिगर खास कर के तुम्हारे स्तन देख के कुछ कुछ होता है….” “तू ना डफर ही रहेगा कबीर, मुझे इशारा तो किया होता कभी…चल अब यहीं सारी रामायण लिखेगा या कहीं ले के जाएगा……! मुझे आईसक्रीम खानी है और फिर तू कहेंगा वह जाएंगे…..!” सोनिया ने अपनी तरफ से मुझे छुट दे दी और मेरे उसकी चूत लेने के इरादे और भी मक्कम हो गए. मैं गाडी बास्किन-रॉबिन्स पे ली और उसे स्वीटहार्ट आइसक्रीम ला के दी. वह आइसक्रीम को मस्त चूस रही थी और मुझे लगा की अगर उसके मुह में ऐसे ही लंड दे के चुसाय हो तो. मेरे दिल में हलचल हो रही थी. मैंने गाडी सीधे अपने घर ले ली क्यूंकि सोनिया के घर पे मोम, डेड, और भैया-भाभी का खाने का प्रोग्राम था और मेरे घर पे कामवाली अनीता के सिवा कोई नहीं था. वैसे भी सोनिया बचपन से घर आती थी इसलिए कोई शक भी नहीं करेगा.
जैसे ही हम मेरे कमरे में दाखिल हुए मैंने दरवाजे को लात मार के बांध कर दिया औ मैंने सोनिया को बाहों में भर लिया, सोनिया भी मुझे कस के पकड़ने लगी, सुने मेरे सीने पर और गालो और फिर होंठो पर चूमना चालू किया. मैंने उसकी गांड के ऊपर हाथ घुमाया और उसे पटक दिया पलंग के अंदर. उसकी स्कर्ट उठ गई और अंदर पहनी लाल पेंटी के नज़ारे होने लगे. मैंने अपनी शर्ट उतार दी और मैं सीधा उसके उपर आ गया. मैं दोनों हाथों से गर्दाये स्तन दबाने लगा और सोनिया आह आह…कबीर…हो ओह ऐसे बोलने लगी. मैंने स्तन और हाथों के बिच में आती टी-शर्ट को उतार फेंका और उसकी ब्रा भी खिंच डाली…..सोनिया के चुंचे कोई पोर्नस्टार से कम नहीं थे. बड़े बड़े और गोल मटोल. ऊपर से उसने कोई मस्त ब्रांड का बोडी स्प्रे छिड़का हुआ था जो मुझे और भी मदमस्त कर रहा था. मैंने उसके दोनों स्तन को दबाता रहा और चूसता था. सोनिया ने हाथ से मेरा लंड नापा और उसने मेरी जींस की बटन खोल दी. मेरा लंड जोकी के अंदर से उछलता दिख रहा था. सोनिया ने तुरंत मेरी लंगोट निकाली और अब वह सीधे लंड को सहलाने लगी. मेरा इरादा मेरा लंड उसके मुहं में भर देना था लेकिन उसने लंड चूसने से मना कर दिया यह कहते हुए की उसको अच्छा नहीं लगता.
मैं मनोमन अपने लंड चूस के सपने के टूटने पर थोडा खिन्न हुआ, पर स्तन भी तो अच्छे थे. मैंने सोनिया के निचे एक तकिया रखा और मैं जा के उसके पेट के उपर बैठगया. पहले तो उससे मेरा वजन बर्दास्त नहीं हुआ, लेकिन जब मैंने घुटने बेड पर रख दिए तो उसके शरीर पर से मेरा वजन दूर हो गया. मैंने उसके निपल्स पर मेरा लंड रगड़ना चालू किया और सोनिया आह आह ऑफ ओह उह…करती जा रही थी. उसके स्तन अकड़ने लगे थे और मेरा लंड भी और उत्तेजित होता जा रहा था. सोनियाने अपनी आँखे बंध कर दी थी और वह इस ख़ुशी का एक एक लम्हा बंध आंखो से महसूस कर रही थी. मैंने इस देसी लड़की की पेंटी को जांघ पे उतारा और फिर थोडा ऊँचा होके पूरा खिंच लिया,…..वाऊ क्या चूत थी सोनिया की यारो बिना बाल की और उसके लिप्स गुलाबी गुलाबी थे जिसके अंदर लाल कलर के रंग की चूत से मेरा लंड और भी कामुक हो गया. मैंने स्तन को रगड़ना बंध किया और मैं उठ के सोनिया की दो टांगो के बिच आ के बैठ गया. सोनिया ने आँखे खोली और वोह हंस रही थी.
मैंने सोनिया की चूत पर हाथ फेरा और यह लड़की आह आह करने लगी. मैंने ऊँगली अपने मुहं में ली और उसके उपर थोडा थूंक लगाया और दुबारा उसे चूत के उपर रखा. थोडा प्रेशर और ऊँगली चूत की शेर करने लगी. सोनिया जैसे की बेड पर उछल पड़ी. उसकी चूत एकदम टाईट थी, वैसे इसका सबूत तो मैं खुद था की सोनिया वर्जिन है…..मैंने चूत को प्यार से मसला और उसके होंठो को भी चूत रस से गिला किया. सोनिया की चूत से बहुत सारा प्रवाही निकल के चूत की दीवारों को गिला कर रहा था. मैंने अपना लंड हाथ में लिया और उसका सुपाडा चूत के मुख पर रखा. सोनिया को लंड की गर्मी का अहेसास हुआ और वह मेरी तरफ प्यार से देखने लगी. मैंने थोडा प्रेशर दिया और लंड का अभी तो सुपाड़ा मात्र अंदर गया था की सोनिया जोर ससे चीख पड़ी. उस से बिलकुल बर्दास्त नहीं हो रहा था. मैंने सुपाड़े को अंदर रहने दिया और स्तन को एक बार और चुसना और दबाना चालू किया. सोनिया ने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और वह अपनेआप उसे अंदर करने की कोशिश करने लगी. यह देख मैंने थोडा प्रेशर लगाया और लंड को थोडा झटका दे के अंदर किया. सोनिया की हालत बिगड़ चुकी थी क्यूंकि मेरा आधा लंड उसकी चूत में था. मैंने स्तन मसलना चालू रखा और लंड को ऐसे ही रहने दिया.
सोनिया ने लंड को हाथ से छोड़ा और मुझे मौका मिलते ही मैंने एक बड़ा झटका दे के लंड पूरा उसकी चूत में पेल दिया. सोनिया की आँख से आंसू निकल पड़े और वो मेरे कमर पे नाख़ून मार रही थी. कुछ देर तक तो उसका..अह्ह्ह्हह अहह्हः..मम्मी आह कबीर निकाल दो दर्द हो रहा है…यह रटना चालू रहा लेकिन एकाद मिनिट में उसको भी लंड की मजा आने लगी. उसकी आँखों से मुझे जैसे की हरी झंडी मिली हो, मैंने लंड को चूत के अंदर बहार करना चालू किया. यह चूत बहुत टाईट थी, मुझे चोदते वक्त सोनिया के हिलते स्तन देख के बहुत मजा आ रहा था.
कहानी अच्छी लगी, तो फिर फेसबुक पे शेयर करना मत भूलना….!
लेकिन मैं उन्हें कुछ नहीं कह पाता था की मेरी आज तक सोनिया से दिल की बात करने की हिम्मत ही नहीं हुई. खेर ऐसे ही दिन बीत गए और हम दोनों अब कोलेज के दुसरे साल में आ गए. पहेले साल की एक्जाम में सोनिया का पुरे क्लास में तीसरा नंबर आया था और उसने कपिल के फार्म हाउस पर सभी दोस्तों को पार्टी दी थी. हम इसी पार्टी को ख़तम कर के मेरी कार में घर आ रहे थे. पूरी पार्टी में सोनिया के छोटे स्तन और व्हाईट टी-शर्ट मेरे दिल को सताते रहें, मेरा लंड अगिनत बार खड़ा हुआ था, पर पिछले 19 साल की तरह में आज भी खामोश ही रहा. गाडी अपनी गति से चल रही थी, और उसमे एक मस्त रोमेंटिक गाना चल रहा था. सोनिया अपनी टांगो को डेशबोर्ड पर रख के बेठी थी और उसकी जांघो तक का भाग खुला था. शर्दी की मौसम थी पर इतनी ठंड नहीं थी. सोनिया ने तभी बॉयफ्रेंड बनाने की बात की. मेरा दिल जैसे की कट रहा था और वोह हंस हंस के अलग अलग लड़के जो उसके दिल में थे उनकी अच्छाई बुराई का लिस्ट बता रही थी. मेरे दिल ने मुझे कहाँ “कबीर आज नहीं तो फिर कभी नहीं….अगर सोनिया किसी और के चक्कर में पड़ी तो यह स्तन यह हुशन का धन कोई और लूटेगा और तू उसका साल बन जाएंगा”
मैंने तुंरत गाडी की ब्रेक लगाईं और साइड में गाडी रोक के सोनिया की गर्दन से उसको पकड के अपनी तरफ खिंच लिया. वोह कुछ समझे उसके पहले मैंने उसके गुलाबी लिपस्टिक वाले होंठो से अपने होंठ मिला दिए. वो थोडा इधर उधर हुई और फिर उसने भी मेरे होंठो को चूमना और चुसना चालू कर दिया. मेरा लंड अंदर पड़ा पड़ा एंठने लगा था. मैंने सोनिया को और खिंचा और उसके स्तन पर हाथ रख के इन भारी स्तन को मसलना चालू कर दिया. सोनिया पागलो की तरह मुझे चूस रही थी. मैंने उसे पीछे से पकड के दूर किया. वोह बोली,
“कबीर अगर आज मैं जूठमुठ में बॉयफ्रेंड की बात ना करती तो तू तो कभी कुछ कहेता ही नहीं…डेमेट…आई लव यु आने एंड आई नीड़ यु….!”
मेरे गालो पर लाली आ गई, वैसे सोनिया की बात सही थी..वो एक लड़की थी और वह थोड़ी सब कुछ कर सकती थी. मैंने आज मनोमन उसके स्तन, चूत सभी पर अपना सिक्का लगा देने के लिए सोच लिया और मैंने कहा, “आई लव यु टू सोनिया, लेकिन तुम इतनी स्मार्ट और गुड लुकिंग हो इसलिए में डरता था……कहीं तुम रिजेक्ट कर देती तो…मुझे भी तुम्हारी फिगर खास कर के तुम्हारे स्तन देख के कुछ कुछ होता है….” “तू ना डफर ही रहेगा कबीर, मुझे इशारा तो किया होता कभी…चल अब यहीं सारी रामायण लिखेगा या कहीं ले के जाएगा……! मुझे आईसक्रीम खानी है और फिर तू कहेंगा वह जाएंगे…..!” सोनिया ने अपनी तरफ से मुझे छुट दे दी और मेरे उसकी चूत लेने के इरादे और भी मक्कम हो गए. मैं गाडी बास्किन-रॉबिन्स पे ली और उसे स्वीटहार्ट आइसक्रीम ला के दी. वह आइसक्रीम को मस्त चूस रही थी और मुझे लगा की अगर उसके मुह में ऐसे ही लंड दे के चुसाय हो तो. मेरे दिल में हलचल हो रही थी. मैंने गाडी सीधे अपने घर ले ली क्यूंकि सोनिया के घर पे मोम, डेड, और भैया-भाभी का खाने का प्रोग्राम था और मेरे घर पे कामवाली अनीता के सिवा कोई नहीं था. वैसे भी सोनिया बचपन से घर आती थी इसलिए कोई शक भी नहीं करेगा.
जैसे ही हम मेरे कमरे में दाखिल हुए मैंने दरवाजे को लात मार के बांध कर दिया औ मैंने सोनिया को बाहों में भर लिया, सोनिया भी मुझे कस के पकड़ने लगी, सुने मेरे सीने पर और गालो और फिर होंठो पर चूमना चालू किया. मैंने उसकी गांड के ऊपर हाथ घुमाया और उसे पटक दिया पलंग के अंदर. उसकी स्कर्ट उठ गई और अंदर पहनी लाल पेंटी के नज़ारे होने लगे. मैंने अपनी शर्ट उतार दी और मैं सीधा उसके उपर आ गया. मैं दोनों हाथों से गर्दाये स्तन दबाने लगा और सोनिया आह आह…कबीर…हो ओह ऐसे बोलने लगी. मैंने स्तन और हाथों के बिच में आती टी-शर्ट को उतार फेंका और उसकी ब्रा भी खिंच डाली…..सोनिया के चुंचे कोई पोर्नस्टार से कम नहीं थे. बड़े बड़े और गोल मटोल. ऊपर से उसने कोई मस्त ब्रांड का बोडी स्प्रे छिड़का हुआ था जो मुझे और भी मदमस्त कर रहा था. मैंने उसके दोनों स्तन को दबाता रहा और चूसता था. सोनिया ने हाथ से मेरा लंड नापा और उसने मेरी जींस की बटन खोल दी. मेरा लंड जोकी के अंदर से उछलता दिख रहा था. सोनिया ने तुरंत मेरी लंगोट निकाली और अब वह सीधे लंड को सहलाने लगी. मेरा इरादा मेरा लंड उसके मुहं में भर देना था लेकिन उसने लंड चूसने से मना कर दिया यह कहते हुए की उसको अच्छा नहीं लगता.
मैं मनोमन अपने लंड चूस के सपने के टूटने पर थोडा खिन्न हुआ, पर स्तन भी तो अच्छे थे. मैंने सोनिया के निचे एक तकिया रखा और मैं जा के उसके पेट के उपर बैठगया. पहले तो उससे मेरा वजन बर्दास्त नहीं हुआ, लेकिन जब मैंने घुटने बेड पर रख दिए तो उसके शरीर पर से मेरा वजन दूर हो गया. मैंने उसके निपल्स पर मेरा लंड रगड़ना चालू किया और सोनिया आह आह ऑफ ओह उह…करती जा रही थी. उसके स्तन अकड़ने लगे थे और मेरा लंड भी और उत्तेजित होता जा रहा था. सोनियाने अपनी आँखे बंध कर दी थी और वह इस ख़ुशी का एक एक लम्हा बंध आंखो से महसूस कर रही थी. मैंने इस देसी लड़की की पेंटी को जांघ पे उतारा और फिर थोडा ऊँचा होके पूरा खिंच लिया,…..वाऊ क्या चूत थी सोनिया की यारो बिना बाल की और उसके लिप्स गुलाबी गुलाबी थे जिसके अंदर लाल कलर के रंग की चूत से मेरा लंड और भी कामुक हो गया. मैंने स्तन को रगड़ना बंध किया और मैं उठ के सोनिया की दो टांगो के बिच आ के बैठ गया. सोनिया ने आँखे खोली और वोह हंस रही थी.
मैंने सोनिया की चूत पर हाथ फेरा और यह लड़की आह आह करने लगी. मैंने ऊँगली अपने मुहं में ली और उसके उपर थोडा थूंक लगाया और दुबारा उसे चूत के उपर रखा. थोडा प्रेशर और ऊँगली चूत की शेर करने लगी. सोनिया जैसे की बेड पर उछल पड़ी. उसकी चूत एकदम टाईट थी, वैसे इसका सबूत तो मैं खुद था की सोनिया वर्जिन है…..मैंने चूत को प्यार से मसला और उसके होंठो को भी चूत रस से गिला किया. सोनिया की चूत से बहुत सारा प्रवाही निकल के चूत की दीवारों को गिला कर रहा था. मैंने अपना लंड हाथ में लिया और उसका सुपाडा चूत के मुख पर रखा. सोनिया को लंड की गर्मी का अहेसास हुआ और वह मेरी तरफ प्यार से देखने लगी. मैंने थोडा प्रेशर दिया और लंड का अभी तो सुपाड़ा मात्र अंदर गया था की सोनिया जोर ससे चीख पड़ी. उस से बिलकुल बर्दास्त नहीं हो रहा था. मैंने सुपाड़े को अंदर रहने दिया और स्तन को एक बार और चुसना और दबाना चालू किया. सोनिया ने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और वह अपनेआप उसे अंदर करने की कोशिश करने लगी. यह देख मैंने थोडा प्रेशर लगाया और लंड को थोडा झटका दे के अंदर किया. सोनिया की हालत बिगड़ चुकी थी क्यूंकि मेरा आधा लंड उसकी चूत में था. मैंने स्तन मसलना चालू रखा और लंड को ऐसे ही रहने दिया.
सोनिया ने लंड को हाथ से छोड़ा और मुझे मौका मिलते ही मैंने एक बड़ा झटका दे के लंड पूरा उसकी चूत में पेल दिया. सोनिया की आँख से आंसू निकल पड़े और वो मेरे कमर पे नाख़ून मार रही थी. कुछ देर तक तो उसका..अह्ह्ह्हह अहह्हः..मम्मी आह कबीर निकाल दो दर्द हो रहा है…यह रटना चालू रहा लेकिन एकाद मिनिट में उसको भी लंड की मजा आने लगी. उसकी आँखों से मुझे जैसे की हरी झंडी मिली हो, मैंने लंड को चूत के अंदर बहार करना चालू किया. यह चूत बहुत टाईट थी, मुझे चोदते वक्त सोनिया के हिलते स्तन देख के बहुत मजा आ रहा था.
मैं
सोनिया को वही स्पीड से लेता रहा और कुछ देर में सोनिया की गांड भी हिलने लगी..वो
मेरे झटके का हिसाब गांड हिला के दे रही थी. मैंने कुछ 2 मिनिट ही चोदा होगा की मुझे लगा की लंड में एक अजब सा खिंचाव आया हो.
मेरे बाल्स पर भी प्रेशर आ गया और लंड से एकदम चिकना और गाढ़ा प्रवाही निकल रहा हो
वैसे मुझे जिन्दगी में पहली बार महेसुस हुआ. मुझे रात में अक्सर वीर्यस्खलन हुआ था
लेकिन जब निकल जाता तब मैं उठता था, लेकिन आज का अनुभव कुछ
और ही था. सोनिया मुझे संतोष के भाव से देखने लगी और मैंने उसे स्तन और माथे पर
किस कर ली. सोनिया ने मुझे लंड अंदर रखे हुए ही गले से लगा लिया. मेरी और सोनिया
की चुदाई का कार्यक्रम इस दिन के बाद तो नियमित हो गया…वोह
जब भी मौका मिलता मुझ से चुदवाने लगी, मैं अब तू उसे लंड
चूसने पर भी राजी कर लिया है, वैसे मैंने उसे ब्लोजोब की
बहुत सारी मूवी दिखाई फिर जा कर ही वो मानी. मैं अब उसे अपने घर, उसके घर या तो फिर हमारे फार्म हाउस पर भी चोद लेता हूँ…..हम दोनों ने जल्द ही शादी करने का भी फैसला कर लिया है…..!!!
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