Saturday, 25 October 2014

वर्जिन सोनिया की चुदाई

सोनिया और मैं बचपन से ही एक दुसरे के करीब थे; वो मेरे डेड के बिजनेस पार्टनर खुराना अंकल की इकलोती बेटी थी और वह मेरे क्लास में ही पढ़ती थी. सन्डे को तो अक्सर हम दोनों के घर वाले साथ में ही लंच और डिनर करते थे. मेरा बड़ा भाई सपन मुझसे 10 साल बड़ा था इसलिए मुझे भी सोनिया की कम्पनी अच्छी लगती थी. पहेले गुडिया से खेलते थे और अब कोलेज की देहेलिज पर आ चुके है. लेकिन मैंने सोनिया को कोलेज आने तक कभी भी प्रोपोस नहीं किया था, हाँ मेरे मन में उसके लिए प्यार तो मुझे भी पता नहीं की कब से था, जब से होंश संभाला उसी के सपने आते थे. वैसे इस हॉट लड़की की फिगर भी काफी अच्छी थी कोलेज के फर्स्ट इयर से ही सब उसके 34-28-32 के बदन के दीवाने बने थे. कोलेज में भी सोनिया मेरे साथ ही रहेती थी. उसके भारी स्तन के काफी दीवाने थे और कभी कभी तो जब सोनिया मेरे साथ नहीं होती थी तो मेरे कुछ दोस्त भी मुझे पूछते थे की क्यां मेने यह स्तन देखे है, क्या मैंने यह स्तन चुसे है….?

लेकिन मैं उन्हें कुछ नहीं कह पाता था की मेरी आज तक सोनिया से दिल की बात करने की हिम्मत ही नहीं हुई. खेर ऐसे ही दिन बीत गए और हम दोनों अब कोलेज के दुसरे साल में आ गए. पहेले साल की एक्जाम में सोनिया का पुरे क्लास में तीसरा नंबर आया था और उसने कपिल के फार्म हाउस पर सभी दोस्तों को पार्टी दी थी. हम इसी पार्टी को ख़तम कर के मेरी कार में घर आ रहे थे. पूरी पार्टी में सोनिया के छोटे स्तन और व्हाईट टी-शर्ट मेरे दिल को सताते रहें, मेरा लंड अगिनत बार खड़ा हुआ था, पर पिछले 19 साल की तरह में आज भी खामोश ही रहा. गाडी अपनी गति से चल रही थी, और उसमे एक मस्त रोमेंटिक गाना चल रहा था. सोनिया अपनी टांगो को डेशबोर्ड पर रख के बेठी थी और उसकी जांघो तक का भाग खुला था. शर्दी की मौसम थी पर इतनी ठंड नहीं थी. सोनिया ने तभी बॉयफ्रेंड बनाने की बात की. मेरा दिल जैसे की कट रहा था और वोह हंस हंस के अलग अलग लड़के जो उसके दिल में थे उनकी अच्छाई बुराई का लिस्ट बता रही थी. मेरे दिल ने मुझे कहाँकबीर आज नहीं तो फिर कभी नहीं….अगर सोनिया किसी और के चक्कर में पड़ी तो यह स्तन यह हुशन का धन कोई और लूटेगा और तू उसका साल बन जाएंगा
मैंने तुंरत गाडी की ब्रेक लगाईं और साइड में गाडी रोक के सोनिया की गर्दन से उसको पकड के अपनी तरफ खिंच लिया. वोह कुछ समझे उसके पहले मैंने उसके गुलाबी लिपस्टिक वाले होंठो से अपने होंठ मिला दिए. वो थोडा इधर उधर हुई और फिर उसने भी मेरे होंठो को चूमना और चुसना चालू कर दिया. मेरा लंड अंदर पड़ा पड़ा एंठने लगा था. मैंने सोनिया को और खिंचा और उसके स्तन पर हाथ रख के इन भारी स्तन को मसलना चालू कर दिया. सोनिया पागलो की तरह मुझे चूस रही थी. मैंने उसे पीछे से पकड के दूर किया. वोह बोली,
कबीर अगर आज मैं जूठमुठ में बॉयफ्रेंड की बात ना करती तो तू तो कभी कुछ कहेता ही नहींडेमेटआई लव यु आने एंड आई नीड़ यु….!”
मेरे गालो पर लाली आ गई, वैसे सोनिया की बात सही थी..वो एक लड़की थी और वह थोड़ी सब कुछ कर सकती थी. मैंने आज मनोमन उसके स्तन, चूत सभी पर अपना सिक्का लगा देने के लिए सोच लिया और मैंने कहा, “आई लव यु टू सोनिया, लेकिन तुम इतनी स्मार्ट और गुड लुकिंग हो इसलिए में डरता था……कहीं तुम रिजेक्ट कर देती तोमुझे भी तुम्हारी फिगर खास कर के तुम्हारे स्तन देख के कुछ कुछ होता है….” “तू ना डफर ही रहेगा कबीर, मुझे इशारा तो किया होता कभीचल अब यहीं सारी रामायण लिखेगा या कहीं ले के जाएगा……! मुझे आईसक्रीम खानी है और फिर तू कहेंगा वह जाएंगे…..!” सोनिया ने अपनी तरफ से मुझे छुट दे दी और मेरे उसकी चूत लेने के इरादे और भी मक्कम हो गए. मैं गाडी बास्किन-रॉबिन्स पे ली और उसे स्वीटहार्ट आइसक्रीम ला के दी. वह आइसक्रीम को मस्त चूस रही थी और मुझे लगा की अगर उसके मुह में ऐसे ही लंड दे के चुसाय हो तो. मेरे दिल में हलचल हो रही थी. मैंने गाडी सीधे अपने घर ले ली क्यूंकि सोनिया के घर पे मोम, डेड, और भैया-भाभी का खाने का प्रोग्राम था और मेरे घर पे कामवाली अनीता के सिवा कोई नहीं था. वैसे भी सोनिया बचपन से घर आती थी इसलिए कोई शक भी नहीं करेगा.
जैसे ही हम मेरे कमरे में दाखिल हुए मैंने दरवाजे को लात मार के बांध कर दिया औ मैंने सोनिया को बाहों में भर लिया, सोनिया भी मुझे कस के पकड़ने लगी, सुने मेरे सीने पर और गालो और फिर होंठो पर चूमना चालू किया. मैंने उसकी गांड के ऊपर हाथ घुमाया और उसे पटक दिया पलंग के अंदर. उसकी स्कर्ट उठ गई और अंदर पहनी लाल पेंटी के नज़ारे होने लगे. मैंने अपनी शर्ट उतार दी और मैं सीधा उसके उपर आ गया. मैं दोनों हाथों से गर्दाये स्तन दबाने लगा और सोनिया आह आहकबीरहो ओह ऐसे बोलने लगी. मैंने स्तन और हाथों के बिच में आती टी-शर्ट को उतार फेंका और उसकी ब्रा भी खिंच डाली…..सोनिया के चुंचे कोई पोर्नस्टार से कम नहीं थे. बड़े बड़े और गोल मटोल. ऊपर से उसने कोई मस्त ब्रांड का बोडी स्प्रे छिड़का हुआ था जो मुझे और भी मदमस्त कर रहा था. मैंने उसके दोनों स्तन को दबाता रहा और चूसता था. सोनिया ने हाथ से मेरा लंड नापा और उसने मेरी जींस की बटन खोल दी. मेरा लंड जोकी के अंदर से उछलता दिख रहा था. सोनिया ने तुरंत मेरी लंगोट निकाली और अब वह सीधे लंड को सहलाने लगी. मेरा इरादा मेरा लंड उसके मुहं में भर देना था लेकिन उसने लंड चूसने से मना कर दिया यह कहते हुए की उसको अच्छा नहीं लगता.
मैं मनोमन अपने लंड चूस के सपने के टूटने पर थोडा खिन्न हुआ, पर स्तन भी तो अच्छे थे. मैंने सोनिया के निचे एक तकिया रखा और मैं जा के उसके पेट के उपर बैठगया. पहले तो उससे मेरा वजन बर्दास्त नहीं हुआ, लेकिन जब मैंने घुटने बेड पर रख दिए तो उसके शरीर पर से मेरा वजन दूर हो गया. मैंने उसके निपल्स पर मेरा लंड रगड़ना चालू किया और सोनिया आह आह ऑफ ओह उहकरती जा रही थी. उसके स्तन अकड़ने लगे थे और मेरा लंड भी और उत्तेजित होता जा रहा था. सोनियाने अपनी आँखे बंध कर दी थी और वह इस ख़ुशी का एक एक लम्हा बंध आंखो से महसूस कर रही थी. मैंने इस देसी लड़की की पेंटी को जांघ पे उतारा और फिर थोडा ऊँचा होके पूरा खिंच लिया,…..वाऊ क्या चूत थी सोनिया की यारो बिना बाल की और उसके लिप्स गुलाबी गुलाबी थे जिसके अंदर लाल कलर के रंग की चूत से मेरा लंड और भी कामुक हो गया. मैंने स्तन को रगड़ना बंध किया और मैं उठ के सोनिया की दो टांगो के बिच आ के बैठ गया. सोनिया ने आँखे खोली और वोह हंस रही थी.
मैंने सोनिया की चूत पर हाथ फेरा और यह लड़की आह आह करने लगी. मैंने ऊँगली अपने मुहं में ली और उसके उपर थोडा थूंक लगाया और दुबारा उसे चूत के उपर रखा. थोडा प्रेशर और ऊँगली चूत की शेर करने लगी. सोनिया जैसे की बेड पर उछल पड़ी. उसकी चूत एकदम टाईट थी, वैसे इसका सबूत तो मैं खुद था की सोनिया वर्जिन है…..मैंने चूत को प्यार से मसला और उसके होंठो को भी चूत रस से गिला किया. सोनिया की चूत से बहुत सारा प्रवाही निकल के चूत की दीवारों को गिला कर रहा था. मैंने अपना लंड हाथ में लिया और उसका सुपाडा चूत के मुख पर रखा. सोनिया को लंड की गर्मी का अहेसास हुआ और वह मेरी तरफ प्यार से देखने लगी. मैंने थोडा प्रेशर दिया और लंड का अभी तो सुपाड़ा मात्र अंदर गया था की सोनिया जोर ससे चीख पड़ी. उस से बिलकुल बर्दास्त नहीं हो रहा था. मैंने सुपाड़े को अंदर रहने दिया और स्तन को एक बार और चुसना और दबाना चालू किया. सोनिया ने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और वह अपनेआप उसे अंदर करने की कोशिश करने लगी. यह देख मैंने थोडा प्रेशर लगाया और लंड को थोडा झटका दे के अंदर किया. सोनिया की हालत बिगड़ चुकी थी क्यूंकि मेरा आधा लंड उसकी चूत में था. मैंने स्तन मसलना चालू रखा और लंड को ऐसे ही रहने दिया.
सोनिया ने लंड को हाथ से छोड़ा और मुझे मौका मिलते ही मैंने एक बड़ा झटका दे के लंड पूरा उसकी चूत में पेल दिया. सोनिया की आँख से आंसू निकल पड़े और वो मेरे कमर पे नाख़ून मार रही थी. कुछ देर तक तो उसका..अह्ह्ह्हह अहह्हः..मम्मी आह कबीर निकाल दो दर्द हो रहा हैयह रटना चालू रहा लेकिन एकाद मिनिट में उसको भी लंड की मजा आने लगी. उसकी आँखों से मुझे जैसे की हरी झंडी मिली हो, मैंने लंड को चूत के अंदर बहार करना चालू किया. यह चूत बहुत टाईट थी, मुझे चोदते वक्त सोनिया के हिलते स्तन देख के बहुत मजा आ रहा था.
मैं सोनिया को वही स्पीड से लेता रहा और कुछ देर में सोनिया की गांड भी हिलने लगी..वो मेरे झटके का हिसाब गांड हिला के दे रही थी. मैंने कुछ 2 मिनिट ही चोदा होगा की मुझे लगा की लंड में एक अजब सा खिंचाव आया हो. मेरे बाल्स पर भी प्रेशर आ गया और लंड से एकदम चिकना और गाढ़ा प्रवाही निकल रहा हो वैसे मुझे जिन्दगी में पहली बार महेसुस हुआ. मुझे रात में अक्सर वीर्यस्खलन हुआ था लेकिन जब निकल जाता तब मैं उठता था, लेकिन आज का अनुभव कुछ और ही था. सोनिया मुझे संतोष के भाव से देखने लगी और मैंने उसे स्तन और माथे पर किस कर ली. सोनिया ने मुझे लंड अंदर रखे हुए ही गले से लगा लिया. मेरी और सोनिया की चुदाई का कार्यक्रम इस दिन के बाद तो नियमित हो गयावोह जब भी मौका मिलता मुझ से चुदवाने लगी, मैं अब तू उसे लंड चूसने पर भी राजी कर लिया है, वैसे मैंने उसे ब्लोजोब की बहुत सारी मूवी दिखाई फिर जा कर ही वो मानी. मैं अब उसे अपने घर, उसके घर या तो फिर हमारे फार्म हाउस पर भी चोद लेता हूँ…..हम दोनों ने जल्द ही शादी करने का भी फैसला कर लिया है…..!!!

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बालों वाली चूत

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आंटी की चूत

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चुदासी भाभी की चूत में बेलन

अमित पैदल ही अंजली भाभी के घर की और बढ़ा. अंजलि सुबह उसके मेडिकल पे आई थी और उसने अपने पति के लिए कुछ दवा लेनी थी. लेकिन वो दवाई स्टोक में नहीं थी इसलिए उसके पडोसी अमित ने कहा था की वो उसे घर पहुंचा देगा. अमित को शायद ही पता था की उसके इस उपकार का बदला उसे अंजलि भाभी की चूत से मिलेंगा. उसने कभी नहीं सोचा था की चुदासी भाभी की चौड़ी चूत उसके वेट कर रही हैं. वअंजलि ने भी चुदवाने के लिए अमित को घर नहीं बुलाया था लेकिन हालात ही कुछ ऐसे हुए की चूत और लंड संपर्क में आ गए.
डिंग डोंग, डिंग डोंग……..दो तिन बार घंटी बजाई लेकिन फिर भी अंजलि भाभी दरवाजे पे नहीं आई. अमित ने जैसे दरवाजे को अंदर थोडा झटका दिया वो खुल गया. अमित पहले भी अपने इस पडोसी के वहाँ आ चूका हैं इसलिए उसे पता हैं की कौन से कमरे में क्या हैं. वो सीधा वसंत के बेडरूम की और गया. वसंत अंजली भाभी का पति हैं जिसे आधे बदन में लकवा मार गया हैं. पिछले सात महीनों से वो बेड में ही हैं और अंजली ही घर चला रही हैं. अमित ने सोचा की शायद अंजलि बहार हैं इसलिए वो दवाई और उसके बिल को मेज पे रख के जाने की फ़िराक में था. तभी उसने देखा की वसंत ने कुछ इशारा किया. वसंत की जबान भी लकवाग्रस्त थी इसलिए वो बोल नहीं सकता था. लेकिन अमित उसका इशारा अच्छे से समझ गया. वंसत ने बाजू के कमरे की और इशारा किया मतलब वहां कोई था.
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अमित वसंत को बाय कर के निकला. उसने दरवाजें को धीरे से बंध किया और  बाजू के कमरे को देखने लगा. उसने देखा की उसका दरवाजा बंध था. उसने हलके से नोक दी लेकिन कोई नहीं निकला. कुतुलतावश जब अमित ने की-होल से झाँका तो उसके बदन में जैसे 440 वोट का झटका लगा. अंदर अंजली भाभी आधी नंगी बेड में थी. उसके दोनों कान में इयरपिस थे. उसने निचे कुछ नहीं पहना था और वो अपनी चूत में बेलन ले रही थी. अंजलि भाभी चुदासी हुई पड़ी थी और उसकी इस प्यास को देख के अमित के लंड ने भी अंगड़ाई ली. अंजलि की चूत बड़ी ही बालों वाली थी और उसके अंदर वो बेलन को डाल डाल के उसकी आग को बुझाने के प्रयास में थी. अमित ने पहले तो सोचा की चुपचाप यहाँ से निकल चलूँ लेकिन दुसरे ही पल उसके लंड ने कहा की साले मिठाई पड़ी हैं और तू व्रत करने को सोच रहा हैं. अमित जानता था की भाभी की चूत पानी छोड़ चुकी थी और अभी वो कुत्ते के लंड से भी चुदवा सकती हैं. उसने की-होल से उठ के इसबार दरवाजें को जरा जोर से ठोका. आधी मिनिट तक कोई हलचल नहीं हुई, फिर फट से अंदर की स्टोपर खोल के अंजलि बहार आई.
अंजलि: हाई, अमित आप कब आये.
अमित ने पहले तो सोचा की कह दूँ की जब तुम अपनी चुदासी चूत में बेलन ले रही थी तब. लेकिन उसने कहा, “बस अभी आया पांच मिनिट हुए. वसंत के कमरे में दवाई और बिल रखा हैं मैंने.
अंजलि: थेंक्स, आप होल में बैठे मैं चाय बनाती हूँ.
अमित: नहीं चलेंगा भाभी.
अंजलि: अरे अभी आये हैं तो पी के ही जाइए ना.
अमित ने अंजली को एक कामुक नजर से देख के कहा, “मैंने चाय कोफ़ी बंध कर दिया हैं. सिर्फ दूध पीता हूँ.
अंजलि ने अमित की और देखा, उसकी चूत तो अभी भी जैसे चिंगारीयां निकाल रही थी. उसने अमित को हंस के कहा, “कोई नहीं फिर आप को दूध पिलाती हूँ.
अमित ने अंजलि को आँख मारी और कहा, “बेलन हर जगह काम नहीं देता हैं.
अंजलि समझ गई की उसके हस्तमैथुन प्रोग्राम को अमित ने देखा हैं. और वो तो थी ही चुदासी कभी से. उसने अमित का हाथ पकड़ा और उसे अपने कमरे में लिया. अमित ने दरवाजे को स्टोपर लगाई और बिना कोई वक्त गवाएं अपनी पेंट की ज़िप खोल दी. अंजलि ने अपने मोबाइल को उठाया और अमित को दिखा के बोली, “मैं देसी फिल्म्स देख के चूत मल रही थी कब से. वसंत ऐसे में अपनी गांड नहीं धो सकता, आखिर मैं कब तक करवटें बदल बदल के सोती. अब मुझ से रहा नहीं जाता. क्या तुम मेरी प्यास को भुझाओगें?”
अमित ने अपने 7 इंच के मध्यम लंड को निकाला और बोला, “अंजलि भाभी आप जब जी चाहें मुझे बुला सकती हैं. लेकिन अभी अपनी आपबीती को छोड़ के लंड को ठंडा करें मेरे. और मैंने कहा हैं की मैं दूध पिऊंगा तो उसका कुछ प्रबंध करें.
अंजलि ने अपनी उस लूज़ टी-शर्ट को उपर उठाया जिसमे उसकी बड़ी बड़ी चुंचियां कैद थी. अमित ने अपने लंड को दो बार हलाया और वो सीधे अपने हाथों से चुंचो को दबाने लगा. अंजलि ने सीधे ही निचे बैठ के लंड को अपने मुहं में भर लिया. अमित के मुहं से एक आह निकल पड़ी क्यूंकि लंड को मुखमैथुन से एक जबरदस्त आनंद जो मिला था. अंजलि को भी आज लंड लिए एक अरसा बिता था इसलिए वो भी लंड को सम्पूर्ण सुख देने के फिराक में थी. वो अमित के लंड को मुहं में गले तक ले रही थी और मस्त चुसाई करने लगी थी. अमित अपनी आँखे बंध किये हुए इस असीम मुख चोदन को महसूस करता गया. अंजलि ने मुहं में लंड लिए हुए ही अपनी ट्रेक पेंट को खोला और उसे धीरे से उतार डाला. उसकी उंगलिया अब अपनी चूत पे चलने लगी थी. वो चूत के गीलेपन का पूरा फायदा लेते हुए उसे ऊँगली से झंझोड़ रही थी. अमित से अब रहा नहीं गया. वैसे भी इस चुदासी भाभी का बेलन चोद कार्यक्रम देख के वो पहले से उत्तेजित था.
अमित ने अपने लंड को भाभी के मुहं से निकाला जिसके ऊपर अभी दुनिया भर का थूंक लगा हुआ था. अंजलि अपनी टाँगे फैला के सीधे बेड में लेट गई. उसकी सेक्सी गोरी चूत झांटो के कालेपन के पीछे छिपी पड़ी थी. उसने अपनी झांटो को चूत के होंठो से साइड में किया और अपने चूत की लाली दिखाई. चूत पानी छोड़ के मस्त गीली थी और लंड के स्वागत के लिए बिलकुल तैयार थी. अमित ने अपने लौड़े को हाथ में पकड़ा और सीधे चूत के मुहं पे रख दिया. अंजलि के मुहं से आह निकल पड़ा.
अंजलि: अमित मस्त लग रहा हैं, जैसे किसी बहुत अरसे के भूखें को आज खाना मिल रहा हैं. तुम नहीं जानते की लंड के स्पर्शमात्र से मेरी चूत को आज क्या ख़ुशी मिल रही हैं.
अमित: भाभी आप असली ख़ुशी से एक सेकंड मात्र दूर हैं अभी.
और इतना कह के उसने एक ही झटके में अपने लंड को इस चुदासी भाभी की चूत में पेल दिया. लंड को उस चिकनी चूत के अंदर घुसने में जरा भी दिक्कत नहीं हुई. अंजलि ने एक मोन निकाली और उसने अमित को अपनी आगोश में लपेट लिया. अमित की गांड लहराने लगी और उसका लंड चूत की खुदाई करने लगा. आह आह की आवाजें दबे हुए सूर में आने लगी, ताकि बीमार पति उसे सुन ना सकें. अमित अपने लंड को अंजली की मुलायम चूत की त्वचा ले लडवा रहा था. अंजली भी मस्ती में अपने होंठो को दांतों के निचे दबा के जोर जोर से अपने कूल्हों को उठा रही थी.
आह आह आह और जोर से करो ना. मुझे बहुत अच्छा लग रहा हैं. अपना लंड मेरी चूत के आरपार कर दो अमित जी. आप आज मेरे लिए सुख का संदेश ले के आये हो.अंजलि अपने कुल्हें उठाते हुए बोलने लगी.
अमित ने झुक के उसकी चुन्चिया अपने मुहं में ली और वो इस चुदासी भाभी को और भी जोर जोर से लंड के झटके देने लगा. कमरे में आह आह के अलावा ठप ठप की आवाज आ रही थी. और यह आवाज आती थी जब अमित की जांघे अंजलि भाभी की जांघो से टकराती थी. अंजली अमित को चोदने में मस्त सहयोग दे रही थी और यही कारण था की अमित भी भाभी को अपनी बीवी से भी शांति और सेटिंग से चोद रहा था. अंजलि ने अपने कूल्हों को उठाने की झडप बढ़ा दी और वो जोर जोर से अमित के लंड को अपनी चूत के अंदर बहार करने लगी. अमित ने आब धीरे से अंजलि की दोनों टाँगे उठा के अपने कंधो के ऊपर रख दी. अब तो जैसे उसका लंड और भी अंदर तक घुस गया था और अंजलि को और भी मजा आने लगा. अमित अब थोडा आगे झुका और वो लंड को पूरा बहार निकाल के फिर एक झटके में चूत में पेलने लगा. अंजलि आह आह अमित अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह जोर से अह्ह्हह्ह्ह्ह जोर स्स्स्से करो….की आवाजें निकालने लगी.
अमित ने अंजलि की गर्दन पे हाथ रखा और वो लंड को 80 की स्पीड में चूत में दे मार करने लगा. अंजलि की चूत यह सेक्सी चुदाई बर्दास्त नहीं कर पाई और उसकी चूत ने पानी निकाल डाला. अंजलि के झड़ने के दुसरे मिनिट ही अमित के लंड से भी फव्वारा छुट के भीगी हुई चूत को और भी गीली करने लगा. अमित निढाल हो के चुदासी भाभी के ऊपर ही लेट गया. अंजलि उसके बालों में उंगलिया चला के उसे अपनापण दिखाने लगी.
5 मिनिट के बाद अमित उठा और कपडे पहन के जाने को रेडी हो गया. अंजलि उसके सामने सुख के भाव से देख रही थी.
अंजली: थेंक्स अमित, आज बहुत दिन के बाद पूर्णता का अहसास हुआ मुझे.
अमित: मुझे भी बहुत मजा आया. क्या मैं यहाँ पे रेग्युलर आ सकता हूँ? वैसे भी दवाई देने के बहाने कोई शक भी नहीं करेंगा…..!
और आप समझ सकते हो की इस चुदासी भाभी का जवाब क्या होंगा…!

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पापा ने चुदना सिखाया

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