Saturday, 25 October 2014

चुदासी भाभी की चूत में बेलन

अमित पैदल ही अंजली भाभी के घर की और बढ़ा. अंजलि सुबह उसके मेडिकल पे आई थी और उसने अपने पति के लिए कुछ दवा लेनी थी. लेकिन वो दवाई स्टोक में नहीं थी इसलिए उसके पडोसी अमित ने कहा था की वो उसे घर पहुंचा देगा. अमित को शायद ही पता था की उसके इस उपकार का बदला उसे अंजलि भाभी की चूत से मिलेंगा. उसने कभी नहीं सोचा था की चुदासी भाभी की चौड़ी चूत उसके वेट कर रही हैं. वअंजलि ने भी चुदवाने के लिए अमित को घर नहीं बुलाया था लेकिन हालात ही कुछ ऐसे हुए की चूत और लंड संपर्क में आ गए.
डिंग डोंग, डिंग डोंग……..दो तिन बार घंटी बजाई लेकिन फिर भी अंजलि भाभी दरवाजे पे नहीं आई. अमित ने जैसे दरवाजे को अंदर थोडा झटका दिया वो खुल गया. अमित पहले भी अपने इस पडोसी के वहाँ आ चूका हैं इसलिए उसे पता हैं की कौन से कमरे में क्या हैं. वो सीधा वसंत के बेडरूम की और गया. वसंत अंजली भाभी का पति हैं जिसे आधे बदन में लकवा मार गया हैं. पिछले सात महीनों से वो बेड में ही हैं और अंजली ही घर चला रही हैं. अमित ने सोचा की शायद अंजलि बहार हैं इसलिए वो दवाई और उसके बिल को मेज पे रख के जाने की फ़िराक में था. तभी उसने देखा की वसंत ने कुछ इशारा किया. वसंत की जबान भी लकवाग्रस्त थी इसलिए वो बोल नहीं सकता था. लेकिन अमित उसका इशारा अच्छे से समझ गया. वंसत ने बाजू के कमरे की और इशारा किया मतलब वहां कोई था.
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अमित वसंत को बाय कर के निकला. उसने दरवाजें को धीरे से बंध किया और  बाजू के कमरे को देखने लगा. उसने देखा की उसका दरवाजा बंध था. उसने हलके से नोक दी लेकिन कोई नहीं निकला. कुतुलतावश जब अमित ने की-होल से झाँका तो उसके बदन में जैसे 440 वोट का झटका लगा. अंदर अंजली भाभी आधी नंगी बेड में थी. उसके दोनों कान में इयरपिस थे. उसने निचे कुछ नहीं पहना था और वो अपनी चूत में बेलन ले रही थी. अंजलि भाभी चुदासी हुई पड़ी थी और उसकी इस प्यास को देख के अमित के लंड ने भी अंगड़ाई ली. अंजलि की चूत बड़ी ही बालों वाली थी और उसके अंदर वो बेलन को डाल डाल के उसकी आग को बुझाने के प्रयास में थी. अमित ने पहले तो सोचा की चुपचाप यहाँ से निकल चलूँ लेकिन दुसरे ही पल उसके लंड ने कहा की साले मिठाई पड़ी हैं और तू व्रत करने को सोच रहा हैं. अमित जानता था की भाभी की चूत पानी छोड़ चुकी थी और अभी वो कुत्ते के लंड से भी चुदवा सकती हैं. उसने की-होल से उठ के इसबार दरवाजें को जरा जोर से ठोका. आधी मिनिट तक कोई हलचल नहीं हुई, फिर फट से अंदर की स्टोपर खोल के अंजलि बहार आई.
अंजलि: हाई, अमित आप कब आये.
अमित ने पहले तो सोचा की कह दूँ की जब तुम अपनी चुदासी चूत में बेलन ले रही थी तब. लेकिन उसने कहा, “बस अभी आया पांच मिनिट हुए. वसंत के कमरे में दवाई और बिल रखा हैं मैंने.
अंजलि: थेंक्स, आप होल में बैठे मैं चाय बनाती हूँ.
अमित: नहीं चलेंगा भाभी.
अंजलि: अरे अभी आये हैं तो पी के ही जाइए ना.
अमित ने अंजली को एक कामुक नजर से देख के कहा, “मैंने चाय कोफ़ी बंध कर दिया हैं. सिर्फ दूध पीता हूँ.
अंजलि ने अमित की और देखा, उसकी चूत तो अभी भी जैसे चिंगारीयां निकाल रही थी. उसने अमित को हंस के कहा, “कोई नहीं फिर आप को दूध पिलाती हूँ.
अमित ने अंजलि को आँख मारी और कहा, “बेलन हर जगह काम नहीं देता हैं.
अंजलि समझ गई की उसके हस्तमैथुन प्रोग्राम को अमित ने देखा हैं. और वो तो थी ही चुदासी कभी से. उसने अमित का हाथ पकड़ा और उसे अपने कमरे में लिया. अमित ने दरवाजे को स्टोपर लगाई और बिना कोई वक्त गवाएं अपनी पेंट की ज़िप खोल दी. अंजलि ने अपने मोबाइल को उठाया और अमित को दिखा के बोली, “मैं देसी फिल्म्स देख के चूत मल रही थी कब से. वसंत ऐसे में अपनी गांड नहीं धो सकता, आखिर मैं कब तक करवटें बदल बदल के सोती. अब मुझ से रहा नहीं जाता. क्या तुम मेरी प्यास को भुझाओगें?”
अमित ने अपने 7 इंच के मध्यम लंड को निकाला और बोला, “अंजलि भाभी आप जब जी चाहें मुझे बुला सकती हैं. लेकिन अभी अपनी आपबीती को छोड़ के लंड को ठंडा करें मेरे. और मैंने कहा हैं की मैं दूध पिऊंगा तो उसका कुछ प्रबंध करें.
अंजलि ने अपनी उस लूज़ टी-शर्ट को उपर उठाया जिसमे उसकी बड़ी बड़ी चुंचियां कैद थी. अमित ने अपने लंड को दो बार हलाया और वो सीधे अपने हाथों से चुंचो को दबाने लगा. अंजलि ने सीधे ही निचे बैठ के लंड को अपने मुहं में भर लिया. अमित के मुहं से एक आह निकल पड़ी क्यूंकि लंड को मुखमैथुन से एक जबरदस्त आनंद जो मिला था. अंजलि को भी आज लंड लिए एक अरसा बिता था इसलिए वो भी लंड को सम्पूर्ण सुख देने के फिराक में थी. वो अमित के लंड को मुहं में गले तक ले रही थी और मस्त चुसाई करने लगी थी. अमित अपनी आँखे बंध किये हुए इस असीम मुख चोदन को महसूस करता गया. अंजलि ने मुहं में लंड लिए हुए ही अपनी ट्रेक पेंट को खोला और उसे धीरे से उतार डाला. उसकी उंगलिया अब अपनी चूत पे चलने लगी थी. वो चूत के गीलेपन का पूरा फायदा लेते हुए उसे ऊँगली से झंझोड़ रही थी. अमित से अब रहा नहीं गया. वैसे भी इस चुदासी भाभी का बेलन चोद कार्यक्रम देख के वो पहले से उत्तेजित था.
अमित ने अपने लंड को भाभी के मुहं से निकाला जिसके ऊपर अभी दुनिया भर का थूंक लगा हुआ था. अंजलि अपनी टाँगे फैला के सीधे बेड में लेट गई. उसकी सेक्सी गोरी चूत झांटो के कालेपन के पीछे छिपी पड़ी थी. उसने अपनी झांटो को चूत के होंठो से साइड में किया और अपने चूत की लाली दिखाई. चूत पानी छोड़ के मस्त गीली थी और लंड के स्वागत के लिए बिलकुल तैयार थी. अमित ने अपने लौड़े को हाथ में पकड़ा और सीधे चूत के मुहं पे रख दिया. अंजलि के मुहं से आह निकल पड़ा.
अंजलि: अमित मस्त लग रहा हैं, जैसे किसी बहुत अरसे के भूखें को आज खाना मिल रहा हैं. तुम नहीं जानते की लंड के स्पर्शमात्र से मेरी चूत को आज क्या ख़ुशी मिल रही हैं.
अमित: भाभी आप असली ख़ुशी से एक सेकंड मात्र दूर हैं अभी.
और इतना कह के उसने एक ही झटके में अपने लंड को इस चुदासी भाभी की चूत में पेल दिया. लंड को उस चिकनी चूत के अंदर घुसने में जरा भी दिक्कत नहीं हुई. अंजलि ने एक मोन निकाली और उसने अमित को अपनी आगोश में लपेट लिया. अमित की गांड लहराने लगी और उसका लंड चूत की खुदाई करने लगा. आह आह की आवाजें दबे हुए सूर में आने लगी, ताकि बीमार पति उसे सुन ना सकें. अमित अपने लंड को अंजली की मुलायम चूत की त्वचा ले लडवा रहा था. अंजली भी मस्ती में अपने होंठो को दांतों के निचे दबा के जोर जोर से अपने कूल्हों को उठा रही थी.
आह आह आह और जोर से करो ना. मुझे बहुत अच्छा लग रहा हैं. अपना लंड मेरी चूत के आरपार कर दो अमित जी. आप आज मेरे लिए सुख का संदेश ले के आये हो.अंजलि अपने कुल्हें उठाते हुए बोलने लगी.
अमित ने झुक के उसकी चुन्चिया अपने मुहं में ली और वो इस चुदासी भाभी को और भी जोर जोर से लंड के झटके देने लगा. कमरे में आह आह के अलावा ठप ठप की आवाज आ रही थी. और यह आवाज आती थी जब अमित की जांघे अंजलि भाभी की जांघो से टकराती थी. अंजली अमित को चोदने में मस्त सहयोग दे रही थी और यही कारण था की अमित भी भाभी को अपनी बीवी से भी शांति और सेटिंग से चोद रहा था. अंजलि ने अपने कूल्हों को उठाने की झडप बढ़ा दी और वो जोर जोर से अमित के लंड को अपनी चूत के अंदर बहार करने लगी. अमित ने आब धीरे से अंजलि की दोनों टाँगे उठा के अपने कंधो के ऊपर रख दी. अब तो जैसे उसका लंड और भी अंदर तक घुस गया था और अंजलि को और भी मजा आने लगा. अमित अब थोडा आगे झुका और वो लंड को पूरा बहार निकाल के फिर एक झटके में चूत में पेलने लगा. अंजलि आह आह अमित अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह जोर से अह्ह्हह्ह्ह्ह जोर स्स्स्से करो….की आवाजें निकालने लगी.
अमित ने अंजलि की गर्दन पे हाथ रखा और वो लंड को 80 की स्पीड में चूत में दे मार करने लगा. अंजलि की चूत यह सेक्सी चुदाई बर्दास्त नहीं कर पाई और उसकी चूत ने पानी निकाल डाला. अंजलि के झड़ने के दुसरे मिनिट ही अमित के लंड से भी फव्वारा छुट के भीगी हुई चूत को और भी गीली करने लगा. अमित निढाल हो के चुदासी भाभी के ऊपर ही लेट गया. अंजलि उसके बालों में उंगलिया चला के उसे अपनापण दिखाने लगी.
5 मिनिट के बाद अमित उठा और कपडे पहन के जाने को रेडी हो गया. अंजलि उसके सामने सुख के भाव से देख रही थी.
अंजली: थेंक्स अमित, आज बहुत दिन के बाद पूर्णता का अहसास हुआ मुझे.
अमित: मुझे भी बहुत मजा आया. क्या मैं यहाँ पे रेग्युलर आ सकता हूँ? वैसे भी दवाई देने के बहाने कोई शक भी नहीं करेंगा…..!
और आप समझ सकते हो की इस चुदासी भाभी का जवाब क्या होंगा…!

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